पूज्य दादा स्व०कमल सिंह महाराज के अधूरे स्वप्न को पूर्ण करना ही मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य : शिवांग विजय सिंह

विकास राय-चुनावी सरगर्मी अपने पूरे शबाब पर है। सभी प्रत्याशी गांवो की तरफ रुख किये अपने पक्ष में मतदान करने की पुरजोर अपील कर रहे हैं। इस चुनाव में डुमराँव राजपरिवार के दस्तक देने से चुनावी पारा काफी बढ़ चुका है। गौरतलब हो कि डुमराँव राज से कुमार शिवांग विजय सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भर चुके हैं। उनका चुनाव चिन्ह बैटरी वाला टॉर्च जिसका इवीएम क्रमांक 16 है भी आवंटित हो चुका है।

राजपरिवार से महाराज चन्द्रविजय सिंह एवं कुमार शिवांग विजय सिंह अपने समर्थकों के साथ डुमराँव विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्रों में लगतार जनसम्पर्क कर रहे हैं। उनके समर्थक चुनाव चिन्ह वाली टोपी लगाए एवं नारा लगाते हुए उनके पक्ष में मतदान करने की अपील लोगों से कर रहे हैं। प्रत्याशी शिवांग विजय से यह पूछे जाने पर कि राजनीति जो आपके परिवार से सदियों से जुड़ा है, उसको आप कैसे लेकर चलेंगे ? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये सच है कि राजनीति मुझे विरासत में प्राप्त हुई है। मेरे स्व० दादा श्री कमल सिंह जी का राजनीति में प्रवेश जनसेवा के उद्देश्य से ही हुआ था। उन्होंने अपने संसदीय काल मे अपने क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा एवं कृषि की समुचित व्यस्था को धरातल पर उतारा था उसी पूण्य उद्देश्य को आगे गति देने हेतु मैंने राजनीति में पदार्पण किया है।शिवांग विजय  रामधारी सिंह दिनकर की यह पंक्तियों को चरितार्थ करने में लगे है।

जब अंधकार चल रात हुई        सूरज की राह तके कब तक।  

शिवांग विजय ने बताया की क्षेत्र की जनता का अपार सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हो रहा है। मेरे सहयोगी गांवो में भ्रमण कर लोगों की समस्याओ से रूबरू हो रहे हैं। मेरे पिता जी और मैं स्वयं लोगों से उनकी समस्याओं को पूछ कर उसको तारांकित कर रहे है ताकि सदन में जाऊ तो मुझे पहले से इनकी जानकारी हो और मैं इनके निष्पादन में प्रथम दिन से ही लग जाऊं। आगे पूछे जाने पर कि आप जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?

इस पर उन्होंने कहा कि मै क्षेत्र की सम्मानित जनता से यही कहूंगा कि आपने या आपके पूर्वजों ने मेरे पूज्य दादाश्री का कार्यकाल और विकास के प्रति उनके दृढ़संकल्प को नजदीक से देखा है। आप एक बार मुझे मौका दें।आपके हर वोट को मै सूद समेत वापस करूंगा यह मेरा वादा है।मै राजनीति में समाजसेवा के उद्देश्य से आया हूं।राजनीति मेरे लिए धनोपार्जन का जरिया नहीं है। मैं अपने दादाश्री के पदचिन्हों पर चलते हुए आपके हर एक जनसमस्याओं का निवारण करूँगा चाहे वो शिक्षा से हो,चिकित्सा से हो, कृषि से हो, खेल से हो या किसी भी मूलभूत सुविधाओं से हो सबका निवारण करना मेरी प्रथम वरीयता है।डुमरांव बिधानसभा क्षेत्र के बिकास का पहिया जो रूक गया था उसे पुनः चालू करने के लिए सभी डुमरांव वासी का स्नेह सहयोग सहानुभूति का मै आकांक्षी हूं।

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