सेहत के लिए काफी खतरनाक है ये केला, नहीं हो रहा यकीन तो जरूर पढ़ें ये खबर, उड़ जाएंगे होश
सावधान आपके क्षेत्र में भी काफी धडल्ले से बेचा जा रहा है जहरीला केला
इनको ग्राहक के स्वास्थ्य की नहीं है चिन्ता बस अपनी विक्री से है मतलब
आपको जानकर हैरानी होगी, लोगों के पास पहुंचने वाला केला रसायनिक लिक्विड और गोली के जरिए पकाया जा रहा है,जो लोगों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है।

केला सेहत के लिए फायदेमंद है। लेकिन आज के दौर में केला लोगों की सेहत बिगाडऩे में लगा हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि केले का व्यापार करने वाले लोग केमिकलयुक्त केला बेच रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लोगों के पास पहुंचने वाला केला रसायनिक लिक्विड और गोली के जरिए पकाया जा रहा है,जो लोगों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है।
आप ऐसे पहचानिए केमिकलयुक्त केला को
ठेलों पर लटक रहे केले, नीचे का हिस्सा पीला, फिर हल्का हरा और ऊपर गहरा हरा दिखाई देता है मतलब समझ जाए कि यह केमिकल से ही पकाया केला है। इससे दूर रहने की आवश्यकता है। लोगों की सेहत बिगाडऩे के लिए कच्चे केलों को रसायनिक क्रिया से पकाने का खेल अब अपने क्षेत्र में ही शुरू हो चुका है।

मुहम्मदाबाद की मंडी में भी थोक में कच्चे केलों को पकाया जाता है। ट्रकों में कच्चा केला लाया जाता है और केमिकल का उपयोग कर रातभर में ही इसे पका कर फल दुकान और ठेलों में बिक्री कर दिया जाता है। इसे दो प्रकार के पकाया जाता है एक तो टैबलेट का उपयोग कर और दूसरा लिक्विड के जरिए।
इथरैल लिक्विड का हो रहा है उपयोग

केमिकल दवाई इथरैल जो लिक्विड के रूप में मिलता है। इस लिक्विड को ड्रम या डब में मौजूद पानी मिला दिया जाता है। इस घोल में केला को एक बार डुबाकर निकाल दिया जाता है और हवा में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके लिए एसी का उपयोग किया जाता है। एसी से ठंडकता पाकर केला तेजी से पकता है।
केमिकल युक्त टैबलेट का प्रयोग
केला को पकाने के लिए केमिकलयुक्त टैबलेट भी आता है। किसी कमरे में केलों को फैला दिया जाता है। इन केलों के बीच ही एक कुछ टैबलेट रख दिए जाते हैं। टैबलेट से गंध निकलती है जो केलों को पकाने का काम करती है।
मानव के लिए काफी नुकसानदायक
केला पकाने में जो रसायनिक क्रिया का उपयोग किया जाता है मानव शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। मुख्य रूप लिक्विड से पकाया केला ज्यादा हानिकारक है। क्योंकि पूरा केला ही लिक्विड में डूबाया जाता है जिससे कि यह पूरी तरह से केमिकलयुक्त हो जाता है, जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है।
बाहर से जो केला लाया जाता है वह कच्चा होता है। इसे इथरैल नामक केमिकल लिक्विड से पकाया जाता है। पानी की घोल बनाकर सूखने के लिए रख दिया जाता है जिससे कि वह जल्द से जल्द पक जाता है, लेकिन यह नुकसानदायक है, क्योंकि यह सीधे तौर पर केमिकल के संपर्क में आता है। स्थानीय किसान केमिकल का उपयोग नहीं करते। बाहर से सप्लाई होता है उनमें केमिकल की मात्रा होती है।