मणिमंजरी राय के असमय जाने के गम में परिवार के एक सदस्य का निधन, आरोपियों की अग्रिम जमानत सुनवाई टली

नगर पंचायत मनियर की ईओ मणि मंजरी राय मामले में यूँ तो अब तीन महीने गुज़र चुके हैं लेकिन बावजूद इसके अभी तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस पर भाजपा नेता और नगर पंचायत के चेयरमैन भीम गुप्ता समेत सभी आरोपियों को बचाने का आरोप भी लग रहा है.

वहीँ बीते दिनों गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था और अग्रिम ज़मानत के लिए अपील की थी. अब खबर आ रही है कि उनकी अग्रिम ज़मानत अर्जी टल गयी है. अब इस मामले में अगली सुनाई 14 अक्टूबर को होनी है. बड़ी बात यह भी है कि कोर्ट से जारी 82 की कार्रवाई को लेकर भी पुलिस उदासीन ही रही और खानापूर्ति करने इसमें चुप्पी साधने का काम किया है.

आपको बता दें कि बीते 6 जुलाई को ईओ मणिमंजरी शहर के अपने आवाज़ पर मृत पाई गईं थी. उनका शव लटका मिला था. इसके बाद उनके भाई की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. मामले की जांच प्रक्रिया पर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं. नायब तहसीलदार रजत सिंह और ड्राइवर के फोन का डाटा वापस लाने के लिए अनुसंधान में भेजा गया था.

इसमें भी कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है. इस केस से ईओ मणिमंजरी के घर वालों को गहरा धक्का लगा है. बुधवार को उनके दादा और श्रीसिद्धेश्वर नाथ इंटर कालेज कोटवा के प्रधानाचार्य रह चुके केदार नाथ राय का भी निधन हो गया. परिवार पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन इसके आरोपी अब भी फरार हैं. बताया जाता है कि केदार नाथ राय अपनी पोती के यूँ चले जाने से काफी आहत थे और उसके चले जाने का गम वह बर्दाश्त नहीं कर सके.

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