हम भूल जाते है कि मानव जाति और प्रकृति के बीच के रिश्तों को लेकर हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है-डा०सानंद सिंह

पर्यावरण जागरूकता एवं शहीद सम्मान हेतु कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सायकिल यात्रा के प्रथम वर्ष गांठ पर बेसो नदी का पूजन एवं पौधारोपण का कार्यक्रम सम्पन्न

विकास राय गाजीपुर-प्रकृति एक प्राकृतिक पर्यावरण है जो हमारे आसपास है, हमारा ध्यान देती है और हर पल हमारा पालन-पोषण करती है। ये हमारे चारों तरफ एक सुरक्षात्मक कवच प्रदान करती है जो हमें नुकसान से बचाती है। हवा, पानी, जमीन, आग, आकाश आदि जैसी प्रकृति के बिना हमलोग इस काबिल नहीं है कि धरती पर रह सके। प्रकृति हमारे आस-पास कई रुपों में है जैसे पेड़, जंगल, जमीन, हवा, नदी, बारिश, तालाब, मौसम, वातावरण, पहाड़, पठार, रेगिस्तान आदि। कुदरत का हर स्वरुप बहुत ही शक्तिशाली है जो हमारा पालन पोषण करने के साथ ही नाश करने की क्षमता भी रखता है।

आज के दिनों में सभी के पास प्रकृति का आनन्द उठाने का कम समय है। बढ़ती भीड़ में हम प्रकृति का सुख लेना और अपने को स्वस्थ रखना भूल गये है। हम शरीर को फिट रखने के लिये तकनीक का प्रयोग करने लगे है। जबकि ये बिल्कुल सत्य है कि प्रकृति हमारा ध्यान रख सकती है और हमेशा के लिये फिट रख सकती है।

बहुत सारे लेखक अपने लेखन में प्रकृति के फायदे और उसकी सुंदरता का गुणगान कर चुके है। प्रकृति के पास ये क्षमता है कि वो हमारे दिमाग को चिंता मुक्त रखे और बीमारीयों से बचाए। मानव जाति के जीवन में तकनीकी उन्नत्ति के कारण हमारी प्रकृति का लगातार ह्रास हो रहा है जिसे संतुलित और उसके प्राकृतिक संपत्ति को संरक्षित रखने के लिये उच्च स्तर की जागरुकता की जरुरत है।

डाक्टर सानंद सिंह ने कहा की ईश्वर ने सब कुछ बहुत सुंदरता से देखने के लिये बनाया है जिससे हमारी आँखे कभी नहीं थक सकती। लेकिन हम भूल जाते है कि मानव जाति और प्रकृति के बीच के रिश्तों को लेकर हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है। सूर्योदय की सुबह के साथ ये कितना सुंदर दृश्य दिखाई देता है, जब चिड़ियों की चहचहाहट. पंछियों का कलरव, नदी की संगीतमय लहरे, तालाब की आवाज हवा और एक लंबे दिन के दबाव के बाद बगीचे में शाम में दोस्तों के साथ खुशनुमा पल हो। लेकिन हम अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते प्रकृति की खूबसूरती का आनन्द लेना भूल चुके है।

2 अक्टूबर को कश्मीर से कन्याकुमारी पर्यावरण साइकिल यात्रा के प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर एक बार फिर प्रकृति के नजदीक जाने के का अवसर मिला, इसलिए लिए आज प्रकृति के संरक्षण हेतु बेसों नदी का पूजन और वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में बेसो तट पर पूजनोपरांत पौधारोपण कार्यक्रम में दिग्विजय उपाध्याय काउंसलर सत्यदेव ग्रुप्स आफ कालेजेज.अमित कुमार सिंह रघुवंशी निदेशक सत्यदेव डिग्री कालेज.समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।

About Post Author