June 19, 2025

*राम चरित मानस जीवन का सार है-शान्तनु महाराज*

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*राम चरित मानस जीवन का सार है-शान्तनु महाराज*

राम कथा में बही ज्ञान की गंगा

गाजीपुर जनपद के दिलदार नगर में रामायणम परिवार की तरफ से नगर के राधाकृष्ण गुप्ता आदर्श इंटर कालेज के खेल मैदान में आयोजित छः दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में ठंढ एवं गलन के बावजूद इस समय आस्था भारी पड़ रही है।कथा श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
राष्ट्रीय कथा वाचक शान्तनु महाराज ने अपने मुखारबिंद से श्रीराम कथा रूपी अमृत वर्षा करते हुए गृहस्थ के जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला और कहा की भगवान भोलेनाथ से बड़ा कोई गृहस्थ नहीं है।

*रामचरितमानस जीवन का सार है*

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन पर लिखी गयी कथा पूरे मानव जीवन का सार है।इसे सभी प्राणियों को आत्मसात करना चाहिए।
जीवन के सारे रहस्य इसी में छिपे है।

*भक्ति से मन का मैल दूर होता है*

कथा व्यास शान्तनु जी महाराज ने कहा की इस भक्ति से ही मन का मैल दूर होता है।
विज्ञान के पास ऐसा कोई वाशिंग पाउडर नहीं है जिससे मन का मैल दूर हो सके।
केवल भक्ति ज्ञान और अध्यात्म से ही मन का मैल दूर होता है।

*बिन सत्संग विवेक न होई*

आचार्य शान्तनु जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं से कहा की बिना सज्जन ब्यक्तियों को साथ लिए बुद्धि और विवेक का विकास नहीं होता है।

सत्संग से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। मनुष्य के आंतरिक और बाह्य चक्षु खुल जाते हैं।
ज्ञान के प्रकाश से वह प्रकाशित होता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।
सत्संग से ही भगवत की प्राप्ति होती है।

*ईष्ट के दर्शन से मन को शांति मिलती है*

आचार्य शान्तनु जी महाराज ने कहा की अपने ईष्ट के दर्शन और स्तुति से तन मन को अपार शांति और शक्ति मिलती है।
इस लिए सभी जीवों का एक ईष्ट होना चाहिए।
जब उसकी कृपा होती है तभी जीवन सार्थक होता है।

*भगवान शंकर ने भी सुनी थी राम कथा*

आचार्य शान्तनु जी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं से कहा की भगवान भोलेनाथ ने भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा
माता पार्वती के संग सुनी थी।उसके लिए उन्हें हिमालय से नीचे आना पड़ा था।
बड़ी ही तन्मयता से उन्होंने अपने ईष्ट देव की कथा श्रवण की थी।

उन्होंने कहा की जिस पर प्रभु की कृपा होती है उन्हें ही यह कथा सुनने का परम सौभाग्य प्राप्त होता है।

*श्रीराम कथा कल्पवृक्ष*

आचार्य शान्तनु जी महाराज ने बताया की श्रीराम कथा कल्पवृक्ष है इसके नीचे बैठ कर जो मांगेंगे वह जरूर मिलेगा।
राम कथा सुनने से जन्म जन्म की व्यथा भी मिट जाती है।
लंका में भी हनुमान जी ने विभिषण को राम कथा सुनाई थी।

*कथा सुनने से दर्शन होता है और भगवान भी मिलते हैं*

कथा सुनने से दर्शन होता है और भगवान भी मिलते हैं।
बाबा तुलसीदास ने सात कांड में रामचरितमानस लिखी थी।जो लोग इस संसार रूपी भवसागर से पार पाना चाहते हैं उसके लिए सिर्फ राम नाम की नौका काफी है।
बस एक बार आप भगवान के नाम पर विश्वास करके देखिए,प्रभु श्रीराम आपको हर दुखों से पार कर देंगे।

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