श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राम जन्म का भजन सुन किया कृष्नायन की रचना -राम बदन राय

कवि राम बदन राय अपने प्रसिद्ध कृष्नायन महाकाव्य ग्रंथ के साथ

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री राम के जन्म का भजन कीर्तन सुन मन में कुछ ऐसा भाव जगा कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित कृष्नायन काव्य ग्रंथ ही लिख डाली।गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के जोगा मुसाहिब गांव के निवासी रामबदन राय ने तुलसीकृत रामचरितमानस की दोहा चौपाई शैली में कृष्नायन महाकाव्य की रचना की है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस ग्रंथ की महत्ता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि रामजन्म के अवसर पर भजन कीर्तन के लिए रामचरित मानस तो उपलब्ध था, लेकिन कृष्ण जन्म के अवसर पर गाया जाने वाला कोई भी काव्य लोगों के लिए उपलब्ध नहीं था।

प्रधानाचार्य फेलिक्स राज को पुस्तक भेंट करते लेखक राम बदन राय

विश्वविद्यालय प्रकाशन से प्रकाशित इस कृष्नायन ग्रंथ की हजार से अधिक प्रतियां बिक चुकी है। यही नहीं हिंदी व भोजपुरी प्रेम के लिए विख्यात मारीशस एवं सूरिनाम आदि देशों तक भी यह ग्रंथ जा चुका है। इस ग्रंथ के लेखन पर प्रकाश डालते हुए कवि रामबदन राय ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व था और लोग रामजन्म के अवसर पर गाए जाने वाले मानस का पाठ कर रहे थे। यही देखकर मैने भगवान कृष्ण से प्रार्थना किया कि अपना चरित्र लोकभाषा में लिखने की प्रेरणा दे और उसी रात कृष्नायन की रचना प्रारंभ हुई। करीब ढाई वर्ष की साधना के बाद रचना पूर्ण हुआ। जो ग्रंथ आपके सामने है। श्री राय खरडीहा डिग्री कालेज में इतिहास के शिक्षक रह चुके हैं। अब तक उनकी 16 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

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