June 20, 2025

मणि मंजरी राय के गांव कनुआन के लोगों ने बताया कि मंजरी बचपन से बेहद मेधावी थीं। वह न सिर्फ अपने गांव से निकलकर बीएचयू में पढ़ने वाली पहली लड़की थीं, बल्कि वह अपने गांव की पहली महिला पीसीएस चयनित हुईं थीं.

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के अपने गांव कनुआन से निकलकर बीएचयू से पढ़ाई करने और पीसीएस बनने वाली पहली लड़की रही मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद गांव के लोग बेहद आहत हैं और प्रशासनिक भ्रष्टाचार से खफा भी। कल रात बलिया में पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद से उनका परिवार शोकाकुल है। वहीं मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता का भी नाम चर्चा में है कि अधिशासी अधिकारी मंजरी राय पर चेयरमैन होने के नाते कुछ कामों को लेकर ये दबाव बना रहे थे। मणि मंजरी राय के गांव कनुआन के लोगों ने बताया कि मंजरी बचपन से बेहद मेधावी थीं। वह न सिर्फ अपने गांव यूपी के गाजीपुर जिले के गांव कनुआन से निकलकर बीएचयू में पढ़ने वाली पहली लड़की थीं, बल्कि वह अपने गांव की पहली महिला पीसीएस चयनित हुईं थीं। मंजरी के पिता जय ठाकुर राय बलिया में ही ग्रामीण बैंक में मैनेजर पद पर कार्यरत थे। वह दो साल पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। वह दो भाइयों की इकलौती बहन थीं। उनके बड़े भाई का नाम अवनीश और छोटे का नाम विजय है। अभी पीसीएस अधिकारी मंजरी की शादी नहीं हुई थी। मंजरी के पिता रिटायर होने के बाद गाजीपुर के भांवरकोल थानांतर्गत आने वाले अपने गांव कनुआन में रहने लगे थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह बेटी पर नौकरी में समझौता करने को लेकर बढ़े दबाब की जानकारी होने पर उसका हौसला बढ़ाने के लिए बलिया में ही रहने लगे थे। मंजरी राय दो साल पहले ही पीसीएस की नौकरी में आईं थीं। वह इन दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला बलिया के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी थीं, जबकि मनियर के नगर पंचायत चेयरमैन भाजपा नेता भीम गुप्ता हैं। दिसंबर 2017 में जब भीम गुप्ता यहां से जीते तो अखबारों ने छापा कि गुप्ता ने मनियर में इतिहास रच दिया, क्योंकि मनियर चेयरमैन सीट पर इससे पहले कभी भाजपा नहीं जीती थी। अभी स्पष्ट नहीं है पर मंजरी के सुसाइड में नोट में लिखी ये बात, ‘मुझे रणनीति बनाकर फंसाया जा रहा है’, की उंगली मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता की ओर उठ रही है। मनियर से मिली जानकारी के अनुसार मनियर अधिशासी अधिकारी बनकर आने के बाद से ही मंजरी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलेरेंस रखती थीं। ऐसे में जब बात नहीं बनी तो उनके ड्राइवर पर दबाव बनाया गया, जिसे लेकर उन्होंने ड्राइवर को डांटा भी था। परिवार के लोग अभी मंजरी राय को अंतिम विदाई दे रहे हैं। ड्राइवर पुलिस हिरासत में है। ऐसे में आने वाले कुछ दिनों में दोषियों के चेहरे साफ होंगे और फिर चाय बेचकर नगर अध्यक्ष भीम गुप्ता की संलिप्तता भी साफ हो पाएगी कि वह दोषी हैं या फिर पाक-साफ। इस बीच मितवा फाउंडेशन के सचिव मृत्युंजय राय ने कहा है, ‘मंजरी आत्महत्या मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए कि मंजरी आखिर किस रणनीति के तहत फंसाए जाने की बात अपने सुसाइड नोट में लिख रहींं थीं। वहीं परिजन मंजरी के अंतिम क्रिया से खाली होकर उस दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर जांच को आगे जरूर बढ़वाएंगे जिसके कारण कनुआन गांव की पीसीएस बेटी मंजरी राय ने आत्महत्या की है।’

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