पैसे के लेन-देन और प्रेम प्रपंच को लेकर हुआ था आशीष का कत्ल

पैसे के लेन-देन और प्रेम प्रपंच को लेकर हुआ था आशीष का कत्ल
दुल्लहपुर पुलिस और एसओजी टीम ने किया हत्याकांड का पर्दाफाश
गाजीपुर। पांच दिन पहले दुल्लहपुर थाना के अमारी रेलवे फाटक के पास स्थित मकान में किराना व्यापारी हत्याकांड का दुल्लहपुर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने पर्दाफाश कर दिया। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त गड़ासा बरामद किया। गुरुवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी रोहन पी बोत्रे ने अभियुक्तों को मीडिया के समक्ष पेश किया। उन्होंने बताया कि प्रेम प्रपंच और पैसे के लेन-देन को लेकर आशीष चौहान के हत्या की वारदात हुई थी।
एसपी ने बताया कि दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के मोलनापुर गांव निवासी आशीष चौहान अमारी रेलवे फाटक के पास किराए के मकान में किराना का दुकान खोल रखा था। दुकान के ठीक सामने दो कमरा लेकर सामान रखने के लिए गोदाम भी बनाया था। रात में रोज वह गोदाम पर ही सोता था। बीते 13 अगस्त अज्ञात बदमाशों ने धारधार हथियार से उसकी हत्या कर दी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया था। मृतक के भाई की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत मामले की छानबीन करते हुए आरोपितों की तलाश में जुटी थी। इसी क्रम में बुधवार की रात करीब एक बजे दुल्लहपुर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने अमारी गेट के पास से ओमप्रकाश यादव को गिरफ्तार किया। उसके बताने पर नसीरपुर जीवन निवासी पिंटू यादव और अमेहता (गोदसइया) निवासी संदीप कुमार को दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन करीब ढाई बजे गिरफ्तार किया। ओमप्रकाश यादव की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त एक चापड़ (गड़ासी) और मृतक का खून लगा शर्ट बरामद किया। एसपी ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्त ओमप्रकाश यादव ने बताया गया कि मैं सराय बैरक निवासी एक युवती को चाहता था, लेकिन युवती मोलनापुर गांव निवासी आशीष चौहान को चाहती थी। इसी बात को लेकर एक माह पूर्व हम दोनो में विवाद हुआ था। 13 अगस्त को युवती से संबंध को लेकर आशीष के दुकान पर मुझसे व आशीष से धक्का मुक्की हुई थी। तभी मैंने आशीष को मारने का प्लान बनाया। पिंटू यादव ने आशीष की दुकान से अपनी बहन की शादी मे 70-80 हजार रुपये का किराना का उधार सामान लिया था। आशीष बार-बार पिंटू का बकाया पैसा मांग रहा था। इसको लेकर उसका पिंटू से भी विवाद हुआ था। युवती जो संदीप की चचेरी बहन है, उसके आशीष से नाजायज संबंधों को लेकर समाज मे काफी बदनामी होने के कारण संदीप ने आशीष को कई बार उससे मिलने जुलने से मना किया था, लेकिन आशीष नहीं मान रहा था। इसी को लेकर हम तीनों 13 अगस्त की प्लान कर करीब ढाई बजे आशीष के किराए के मकान में पहुंचे। चैनल आशीष के कमरे का दरवाजा खुला था। सोते हुए ही संदीप एवं पिंटू ने आशीष का हाथ पैर पकड़ लिया तथा ओमप्रकाश ने लोहे के गड़ासे आशीष के शरीर पर कई वार किये जिसका प्रतिरोध आशीष ने किया। हम लोग आशीष को मृतक समझ वहां से फरार हो गए, लेकिन वह जिंदा था। होश में आने पर उसने अपने बगल कमरे में सो रहे रामरतन पाल को किसी तरह जगाया, लेकिन जबड़ा और शरीर पर गहरा जख्म होने से कुछ बता नहीं पाया था। इस पर रामरतन पाल ने 112 नम्बर पर पुलिस को सूचना दी थी। गिरफ्तारी करने वाली टीम में दुल्लहपुर एसओ शैलेश कुमार मिश्र, उपनिरीक्षक सुरेन्द्र कुमार दुबे, कांस्टेबल वैभव सिंह, कां. रंजीत कुमार सिंह, कां. आदित्य यादव, कां. रोहित सिंह, कां. कमलकांत साहू और स्वाट के उपनिरीक्षक रामाश्रय राय, हेड कांस्टेबल विनय यादव, हेड कांस्टेबल सुजीत सिंह, कांस्टेबल आशुतोष सिंह और कांस्टेबल विकास श्रीवास्तव शामिल थे।