June 25, 2025

भागवत का अर्थ है भक्ति, ज्ञान, वैराग्य -हरि प्रकाश जी महाराज 

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भागवत का अर्थ है भक्ति, ज्ञान, वैराग्य -हरि प्रकाश जी महाराज 

 

गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के करीमुद्दीनपुर स्थित स्व ० बिजय शंकर राय के आवास पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में भागवत वेत्ता कथा व्यास हरि प्रकाश जी महाराज ने अपने मुखारविंद से भक्ति ज्ञान और वैराग्य रूपी कथामृत का उपस्थित श्रोताओं को रसपान कराते हुए श्रीमद्भागवत के बारे में समझाते हुए कहा की

भागवत शब्द के विच्छेद से पता चलता है। भ-भक्ति, ग-ज्ञान, व-वैराग्य और त-त्याग यानी जो कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य सीखाकर त्याग, तपस्या के मार्ग से मोक्ष तक ले जाए वह होती है भागवत कथा। जिस प्रकार रामायण हमें जीना सिखाती है, महाभारत हमें रहना और गीता हमें कार्य करने का उपदेश देती है उसी प्रकार भागवत कथा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमें मरना सिखाती है। हमें जीवन के अंत समय में किस तरह और क्या कार्य करने चाहिए इस कथा से सीखने को मिलता हैं।कथा के पहले दिन उन्होंने कहा की जो भी जीवन में आने वाली समस्याओं से भागता है, उसे समस्याएं अपने नजदीक खींच लेती है इसलिए भागवत उपदेश देती है की समस्याओं से भाग मत यानी इन समस्याओं पर विजय प्राप्त कर लेता है।

 

 

 

आगे आप ने कहा की प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पांच तरह से समस्याएं आती है। यह पांच समस्याएं संसार, संबंधों, संपत्ति, स्वास्थ्य और संतान है, जिनसे लड़ते-लड़ते हम देह त्याग देते है। जो इन समस्याओं को जीतकर प्रभु भक्ति में लीन रहता है, वो संसार में रहकर भी संसार को जीतकर साधु बन जाता है। इसके बाद व्यक्ति मोक्ष की तरफ अग्रसर होता है। महाराज जी ने कहा की इन समस्याओं के बीच में हमें हमेशा मुस्कुराते हुए रहना चाहिए क्योंकि मुस्कराने से समस्याएं कम होती है और रोने से बढ़ती है। कथा को संगीतमय बनाने में पूज्य महाराज जी के साथ मंजीत पाण्डेय अपने मधुर भजनों से श्रोताओं को भाव विभोर कर रहे हैं। महाराज जी के भजनों पर श्रोता झूमने पर विवश हो जा रहे हैं।वादक के रूप में राजेश,बैंजू बालक हरेंद्र एवं बंटी बाबा सहयोग कर रहे हैं।कथा में व्यास पूजन पंडित अविनाश उपाध्याय शास्त्री के द्वारा सम्पन्न कराया जा रहा है। श्रीमद्भागवत कथा प्रति दिन 3 बजे से 8 बजे तक हो रही है।

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