June 25, 2025

सूबे की सबसे उंची एवं कलात्मक ताजिया देखने उमडे लोग

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सूबे की सबसे उंची एवं कलात्मक ताजिया देखने उमडे लोग

उतरांव गांव में एक से बढ कर एक आधा दर्जन कलात्मक ताजिया बनायी जाती है।

 

उतरांव में निकला ताजिया जुलूस, गूंजता रहा ‘या हुसैन-या हुसैन’, युवाओं ने दिखाए एक से बढ़कर एक करतब

गाजीपुर जनपद करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के उतरांव गांव में मंगलवार को ताजिया जुलूस निकाला गया। विभिन्न मार्गों पर भ्रमण कर करबला पहुंचा, जहां दफन किया गया। इस दौरान युवाओं ने एक से बढ़कर एक करतब का प्रदर्शन किया।

गंगा जमुनी तहजीब की शानदार मिसाल पूर्वांचल में सबसे ऊंची ताजिया का निर्माण व जूलुस के लिए जाना जाने वाला गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना अंतर्गत उतरांव गांव की एक पूर्वांचल में एक अलग पहचान है। इस गांव इतिहास यह भी है कि सदियों से यहां हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की भावना को कायम रखते हुए हिन्दू मुस्लिम मिलकर कोई भी त्यौहार बहुत ही खुशी खुशी मनाते हैं। हिन्दू भाइयो के सहयोग से ताजिया तो मुस्लिम भाइयों के सहयोग से यहां की रामलीला सम्पन्न होती है‌।
देश प्रदेश की किसी भी घटना दुर्घटना से यहां के लोगों के दिल दिमाग पर कोई असर नहीं पड़ता।राम रहीम का मजबूत ताना बाना सदियों से यहां मजबूती के साथ देखने को मिलता है।

यहां की कलात्मक ताजिया को देखने के लिए बलिया,बक्सर,में जनपद के साथ साथ गाजीपुर जनपद के कोने कोने से लोग उतरांव पहुंचते हैं।

सूबे की सबसे उंची ताजिया निजामुद्दीन चौक की ताजिया को देखने के लिए लोगों को अपने गर्दन को उपर की ओर करना पड़ता है।

उतरांव गांव में छः चौक से ताजिया का निर्माण किया गया था।इनके निर्माण में लगभग एक माह का समय लगता है।और निर्माण यहीं के लोग जी जान से मेहनत कर के पूर्ण करते हैं। सूबे की सबसे ऊंची चलायमान ताजिया निजामुद्दीन चौक की लगभग पचपन फीट ऊंची थी। दूसरे नंबर की ताजिया कदम रसूल चौक की थी जो बावन फीट ऊंची बनायी गयी थी तीसरे नंबर की ताजिया जलील चौक जो पच्चास फीट ऊंची थी चौथे नंबर की ताजिया मोदी चौक तीस फीट, पांचवें नंबर की ताजिया कुदुस चौक पन्द्रह फीट ऊंची व छठवें नंबर की ताजिया नुरूद्दीन चौक जिसकी ऊंचाई लगभग दस फीट थी सभी चौक की ताजिया कुदुस चौक पर लाकर रखा गया और कलाकार अपना करतब दिखाए ताजिया मिलन के बाद कर्बला में सुपुर्दे खाक किया गया। सबसे ऊंची निजामुद्दीन चौक की ताजिया में कुछ दिक्कत आने के कारण कुदुस चौक पर नहीं पहुंच पाई।इन ताजियों को अपने अपने चौक से कुद्दुस चौक पर लाने में सैकड़ों की संख्या में लोग लगते हैं।

मंगलवार को अपने अपने चौक से ताजिया जुलूस निकाला गया। यह जुलूस अपने नियत स्थान से उठकर उतरांव गांव के एक पूर्व निर्धारित स्थान पर पहुंचा। जहां या हुसैन, या हुसैन के नारों के बीच सभी ताजियों का मिलान हुआ। मिलान के बाद गांव का भ्रमण करते हुए उतरांव गांव के पश्चिम स्थित करबला पहुंचा।

इसके बाद ताजिया को करबला में दफनाया गया। भ्रमण के दौरान जुलूस में शामिल लोग नौहा व मर्सिया पढ़ते और ‘या हुसैन’ की सदा बुलन्द करते चल रहे थे। वही सुरक्षा को लेकर प्रभारी निरिक्षक विश्वनाथ यादव एवं उनके साथ बडी संख्या में पुलिस कर्मी मुस्तैदी से डटे रहे।
इस अवसर पर नायब तहसीलदार मुहम्मदाबाद,डा0असलम अंसारी,मुबारक अंसारी,तौकीर अंसारी,नईम अंसारी, बदरूद्दीन अंसारी,शाहे आलम,रोज मुहम्मद,ऐजाज मास्टर,अनवर अंसारी, फिरोज अंसारी,सरफराज अंसारी, डाक्टर एहसान अंसारी,अफजाल मास्टर,आरिफ अंसारी,तालिब अंसारी,तैयब अंसारी,ईजहार अंसारी, पूर्व प्रधान राम जी यादव, जितेन्द्र पासवान प्रधान,शिव जी गुप्ता,प्रवीण वर्मा,कमलेश मौर्या,बब्बन तिवारी समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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