June 24, 2025

शंकर का मतलब होता है जो कल्याण ही कल्याण करें-जीयर स्वामी

 

बलिया जनपद के जनेश्वर मिश्रा सेतु के एप्रोच मार्ग के समीप आयोजित चातुर्मास ब्रत के दौरान श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा की शंकर का मतलब होता है जो कल्याण ही कल्याण करें। भगवान शंकर के समान ऐसा कोई नही है। धतुरा चढा दिए तो भी खुश, बेल पत्र, गंगाजल चढ़ा दिए तो भी खुश। नाराज नही होते। इतने बड़े हैं यही तो कारण है। आज कल लोग भगवान शंकर को मानकर गलत काम कर रहे हैं। इनके नाम पर  गांजा, भांग इत्यादि का सेवन कर रहे हैं। अपने से लोग लाइसेंस लेकर गांजा,भांग शराब का सेवन करते हैं। कहते हैं भगवान शंकर का भक्त हैं। शंकर जी के नाम पर, भैरव जी के नाम पर, काली जी के नाम पर, गलत काम करना अच्छी बात नही है।

वैदिक परंपरा को तोड़ने मरोड़ने का अधिकार किसी को नही।

लोग ऊँ हटाकर भगवान शिव को गुरू बनाते हैं। वैदिक परंपरा को तोड़ मरोड़ करने का आपको कौन अधिकार दिया है। मनमाने ढंग से जीवन जीने के लिए, मनमाने ढंग से खान पान उठन बैठन के लिए आपने अपने मन से शंकर जी के मंत्र से ऊँ हटा दिया। ऐसा ठीक नही है। धर्म करीए परंतु धर्म के नाम पर इधर-उधर भटकने की कोशिश मत करीए। अधर्म करने के लिए धर्म की छत्रछाया डाल दिया जाए यह अच्छी बात नही है। धर्म के नाम पर भटकाव की बात आती है अच्छी बात नही है।

धर्म कभी भी हमें गलत मार्ग पर चलने की आज्ञा नही देता है।

धर्म कभी भी हमें गलत मार्ग पर चलने की परमिट, परमिशन नही देता है। हम घिर चुके हैं। हम घीरने वाले हैं उससे जो रक्षा करे वहीं धर्म है। जिसको पकड़ने के बाद, सुनने के बाद, मानने के बाद समझने के बाद हम गलत काम न करें उसी का नाम धर्म है।

About Post Author