हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमनपुर में विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण एवं गिलोय वितरण

विकास राय-गाजीपुर जनपद के बाराचंवर ब्लाक के हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमनपुर में विश्व पर्यावरण दिवस पर शुक्रवार को पौधारोपण एवं गिलोय का पौधा वितरण किया गया।इस अवसर पर हार्टमन इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य फादर फेलिक्स राज के द्वारा सभी आगन्तुकों को मास्क एवं गिलोय का पौधा भेंट किया।यह गिलोय के पौधे खुद फादर फेलिक्स राज के द्वारा अपनी नर्सरी में तैयार कराया गया है।इसके लिए दो सप्ताह पूर्व से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी थी।

फादर फेलिक्स राज ने बताया की भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की हर ब्लाक में दो हजार गिलोय के पौधे के नि:शुल्क वितरण की योजना है।उसी योजना के तहत बाराचंवर ब्लाक में हार्टमनपुर में गिलोय की नर्सरी की ब्यवस्था की गयी है।हमारी कोशिश है की हम दो हजार गिलोय वितरण के लक्ष्य के आगे भी लोगों को औषधीय पौधा गिलोय का वितरण कर सके।गिलोय धरती पर मौजूद अमृत के समान है।इसका प्रयोग कोई भी कर सकता है क्योंकि इससे केवल लाभ ही लाभ है।विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी लोगों के द्वारा विद्यालय परिसर में मौलश्री एवं चितवन का पौधा लगाया गया।

अपने संबोधन में जनता जनार्दन इण्टर कालेज गांधीनगर के पूर्व प्रधानाचार्य नर्वदेश्वर राय ने कहा की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इसका कोई जवाब नही है
यह लता के रूप में है और पूरे भारत वर्ष में पाई जाती है इसका पत्ता नागर बेल के पत्ते के समान होता है ।
यह बहु वर्षायु लता है ,
इसका तना अंगुली के समान मोटा होता है परन्तु पुरानी लता हो तो अपने बाहु के समान मोटा हो जाता है ।

औषधी के रूप में इसका तना और पत्ते काम मे लिए जाते है , इसे गुडूची ,और अमृता भी कहते है ,अमृत के समान गुण कारी होने से इसे अमृता कहा गया है ।
गिलोय जिस वृक्ष का आसरा लेकर उस पर चढ़ती है उस वृक्ष के गुणों को यह ग्रहण कर लेती है।
नीम के वृक्ष पर चढ़ने पर इसे नीम गिलोय कहा गया है नीम पर चढ़ने पर यह नीम के गुणों को ग्रहण कर लेती है ।
इसका तना हरे रंग का होता है ,
यह गुण में शीत होती है और यह नीम पर चढ़ने पर सर्वोत्तम गुणों वाली हो जाती है।
यह ज्वर की रामबाण ओषधि है।

इसका उपयोग ,ज्वर ,अम्लपित्त , श्वेत प्रदर ,त्वचा विकार ,और मधुमेह में बहुत किया है और इसके सर्वोत्तम परिणाम भी प्राप्त किये है।
इसका आप जूस बनाकर भी हमेशा ले सकते है इसके लिए आप करीब एक से डेढ़ फुट लम्बी हरी डाली लेकर चार अंगुल के परिमाण में टुकड़े कर लें फिर थोड़ा कूट कर मिक्चर में इसका जूस निकाल छान कर पी सकते है।इसे पानी में उबाल कर उस पानी का सेवन सुबह सुबह करें।
इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी ,अभी इस समय कोरोना का जो संकट है उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु इसका स्वरस जरूर पीना चाहिये।

इस मौके पर रामनरेश तिवारी प्रधान. दिनेश राय गुड्डू.आशुतोष राय. पंकज राय प्रगतिशील किसान.रमाकांत यादव.ऋषिकेश तिवारी.शम्भु तिवारी. सन्तोष जायसवाल. राजेश कुशवाहा. सन्तोष वर्मा. दिवाकर पाण्डेय. निर्मल.निठाली.ओम प्रकाश.मनोज कुमार. उदय कुमार.प्रेम चन्द.विनोद शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
