करें योग रहें निरोग – फादर पी विक्टर

करें योग रहें निरोग – फादर पी विक्टर

सेंटजॉन्स स्कूल में हुआ योगाभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर में योगाभ्यास हुआ।इस अवसर पर प्रधानाचार्य सहित विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने विविध आसन एवं प्राणायाम किया।विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने कहा कि योग तन और मन को स्वस्थ रखने का साधन है।

योगदर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि ने चित्त की वित्तियों के निरोध को योग कहा।आष्टांगिक योग के माध्यम से शरीर को मजबूत एवं मन को नियंत्रित किया जाता है।आसन एवं प्राणायाम योग की प्राथमिक अवस्थाएँ हैं और ध्यान के माध्यम से ईश्वर से जुड़ जाना परमावस्था है।योग के नियमित अभ्यास से असम्भव भी सम्भव होने लगता है अतः इसका नियमित अभ्यास आवश्यक है।श्रीकृष्ण ने भी योग: कर्मसु कौशलम् कहकर कर्म की कुशलता को योग कहा।कर्म में कुशलता तभी आ सकती है जब शरीर और मन मजबूत हो।अतः करें योग रहें निरोग।


फादर पी विक्टर ने कहा की योग धर्म सम्प्रदाय एवं मजहब के उपर की चीज है।योग ईश्वर प्राप्ति का एक सशक्त मार्ग है।पी विक्टर ने कहा की योग का शाब्दिक अर्थ भी तो यही है जोडना, बांधना, एक होना।ईश्वर को मानव से मानव को मानव से जोडना है।आपने सर्व प्रथम काशी आगमन के दौरान सन 1983 में योग के बारे में सत्संग सदन भेलुपुर जो आज के समय में मैत्री भवन के नाम से जाना जाता है ।आपको योग की प्रथम शिक्षा फादर राक डिकोस्टा आचार्य गुरूकुल के द्वारा प्राप्त हुई।फादर पी विक्टर ने तभी से योग को अपने जीवन में पूर्ण रूप से अपना लिया।योग में विशेष रूझान साल 2007 में जब योग गुरू बाबा रामदेव का वाराणसी के डी एल डब्ल्यू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम से हुवा।उस शिविर में योग के बारे में योग की बारिकियों को जानने का मौका मिला।फादर अपने दैनिक जीवन में नित्य एक घंटा का समय प्रत्येक सुबह साढे चार बजे से साढे पांच बजे तक बिल्कुल सुरक्षित कर दिये है।इसमें योग एवम ब्यायाम भी शामिल है।योग की क्रिया आपके दैनिक पूजन से पहले प्रतिदिन संपन्न हो जाता है।आपने अपने संदेश में सभी से करो य़ोग रहो निरोग को अपनाने की अपील की है।

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक पीएस यादव,प्रवीण कुमार उपाध्याय, रामजी तिवारी तथा कर्मचारी मोहम्मद यासीन,अगस्तीन,पार्वती, शीला, मार्गरेट आदि ने उपस्थित होकर योग किया।

About Post Author