मुख्तार अंसारी के बजाय उनके बेटे अब्बास मऊ से लड़ेंगे चुनाव
गाजीपुर। अंसारी परिवार से एक बड़ी खबर मिली है। मऊ की सदर विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी नहीं बल्कि उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी चुनाव लड़ेंगे। वह सुभासपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उनका नामांकन 14 फरवरी को होगा।
हालांकि मुख्तार अंसारी एमपी-एमएलए कोर्ट से खुद चुनाव लड़ने की इजाजत ले चुके थे। उनके लोगों ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया था। बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार ने इस बार चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगे। फिलहाल इस सवाल का अधिकृत तौर पर जवाब नहीं मिला है लेकिन इसके संकेत पहले से ही मिल रहे थे। एक तो मऊ सदर सीट से मुख्तार सहित अब्बास अंसारी का भी नामांकन पत्र खरीदा गया था। दूसरे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि उन्होंने मऊ की सदर सीट अंसारी परिवार के लिए छोड़ी है। अब परिवार को ही तय करना है कि उस सीट पर मुख्तार लड़ेंगे कि अब्बास।
मुख्तार अंसारी के लिए 1996 के बाद यह पहला मौका होगा, जब वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। पहली बार वह बसपा के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव लड़े थे। फिर 2002 तथा 2007 के चुनाव में भी वह उसी सीट से निर्दल निर्वाचित हुए थे। उसके बाद 2012 में मुख्तार अपनी अगुवाई वाले कौमी एकता दल से जीत का सेहरा बांधे थे लेकिन 2017 के चुनाव में उनके दल का बसपा में विलय हो गया और बसपा उन्हें एक बार फिर चुनाव लड़ने का मौका दी और कामयाब रहे। इस तरह मऊ सदर सीट से लगातार पांचवीं बार वह विधानसभा में पहुंचे। इनमें तीन चुनाव वह जेल प्रवास में ही जीते।
उधर उनके पुत्र अब्बास अंसारी पहली बार 2017 में मऊ की घोसी सीट से बसपा के टिकट पर लड़े। जीत तो नहीं पाए मगर भाजपा के कद्दावर नेता फागु चौहान की सांसें फूला कर रख दिए थे। अब्बास कुल 81 हजार 295 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर थे जबकि सात हजार तीन वोट की बढ़त लेकर फागु चौहान जीत गए थे।