जहूराबाद से ओम प्रकाश राजभर तो अब कहा जाएंगी शादाब ?

जहूराबाद से ओम प्रकाश राजभर तो अब कहा जाएंगी शादाब ?
जहूराबाद विस से दूसरी पार्टी से पूर्व मंत्री उतर सकती है मैदान मेंःसूत्र
गाजीपुर। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने बीते सोमवार को प्रत्याशियों की सूची जारी की। इस सूची के अनुसार जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं समाजवादी पार्टी गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर चुनाव लड़ेंगे। इस विस क्षेत्र से ओपी के नाम की घोषणा के बाद अब राजनीतिक मंच पर इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि अब पूर्व मंत्री शादाब फातिमा कहा जाएंगी। क्या चुनावी मैदान में उतरने के लिए वह पार्टी बदलेगी या फिर पार्टी उन्हें किसी अन्य विस क्षेत्र से चुनाव लड़ाएगी।
मालूम हो कि शादाब फातिमा सपा के टिकट पर जहूराबाद से चुनाव लड़ने के लिए प्रयासरत थी। उनके समर्थकों को भी उम्मीद थी कि सपा से समझौता की सूरत में उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को जहूराबाद न सही, सदर विधानसभा सीट तो मिल जाएगी। तब शादाब के लिए चुनाव लड़ने की गुंजाइश बन जाएगी, लेकिन इसी बीच बीते सोमवार को 377 जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र के सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं समाजवादी पार्टी गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर के प्रत्याशी घोषित होने के बाद समर्थकों में निराशा व्याप्त हो गया है। सियासत के इस जंग में यह बात उठने लगी कि शायद शादाब फातिमा को सपा सदर से प्रत्याशी बनाए। इसी बीच बसपा के पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा ने मंगलवार को सपा का दामन थाम लिया।अब सदर से सपा से किसको प्रत्याशी बनाएगी, इसको लेकर सियासी रंग चटख हो गया है। राजनीतिक उठा-पटक के बीच अब यह सवाल खड़ा हो गया है अब पूर्व मंत्री शादाब फातिमा कहा से चुनाव लड़ेगी। पार्टी उन्हें किसी अन्य विस से प्रत्याशी बनाएगी, या पूर्व मंत्री किसी दूसरी पार्टी में शामिल होकर किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरेगी। राजनीतिक सूत्रों की माने से पूर्व मंत्री शादाब फातिमा लगातार जहूराबाद क्षेत्र में जनसंपर्क कर रही हैं। चर्चा है कि वह निषाद पार्टी या बसपा के बैनर तले चुनाव लड़ सकती है। आपको बता दें कि शादाब फातिमा 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा की लहर के बावजूद सपा के टिकट पर गाजीपुर सदर से विजयी हुई थी। फिर 2012 के चुनाव में जहूराबाद सीट पर चली गई। और न सिर्फ दोबारा विधानसभा पहुंची, बल्कि अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा की सरकार बनी तो मंत्रिपरिषद में उन्हें जगह मिली। सपा में उनकी यह हैसियत शिवपाल यादव के चलते ही बनी थी, लेकिन उसका खायिमाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा था। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के झगड़े में शादाब को मंत्रि परिषद से बर्खास्त होना पड़ा था। बाद में शिवपाल यादव ने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी गठित की तो शादाब को मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी थी। कुल मिलाकर इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि नेताओं द्वारा पार्टी बदलने की जहां होड़ मची हुई है। वहीं टिकट को लेकर सभी पार्टियों द्वारा जबरदस्त मंथन किया जा रहा है।