विधायक बना तो मुहम्मदाबाद की तस्वीर बदलेंगे ये मेरा वादा है- माधवेंद्र राय
विधायक बना तो मुहम्मदाबाद की तस्वीर बदलेंगे ये मेरा वादा है- माधवेंद्र राय
माधवेंद्र राय के जनसंपर्क अभियान में उमड़ रहा है जनसैलाब।
शीतलहर और कड़ाके की सर्दी में भी बसपा प्रत्याशी माधवेंद्र राय का घर घर,गाँव गाँव जनसंपर्क अभियान लगातार जारी: विरोधियों में खलबली
मुहम्मदाबाद। जनपद की सबसे चर्चित विधानसभा मुहम्मदाबाद में इस बार मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है।अगर पिछले कई चुनाव परिणामों पर नजर डाली जाए तो अधिकांश चुनाव अंसारी परिवार के पक्ष में रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा ने भी तीन बार जीत का स्वाद चखा है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी एवं अंसारी बंधुओं की विधानसभा सीट पर इस बार एक अलग ही मुकाबला होता प्रतीत हो रहा। बहरहाल जहां एक तरफ सत्ताधारी दल की वर्तमान विधायक हैं वहीं दूसरी ओर सपा से अंसारी परिवार के प्रत्याशी के भी मैदान में आने की प्रबल संभावना का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं पुर्व मंत्री स्वoकल्पनाथ राय के रिस्तेदार कभी इस इलाके के दिग्गज नेता रहे स्वo बीरेंद्र राय के पुत्र माधवेन्द्र राय बसपा से चुनावी मैदान में प्रत्याशी है। माधवेन्द्र राय के चुनावी दंगल में उतरते ही मुकाबला बसपा के पक्ष में होता दिख रहा । माधवेंद्र राय की कड़ी मेहनत और जनता के बीच रहना उनको लोकप्रियता में सबसे आगे कर दिया है। मुहम्मदाबाद क्षेत्र में माधवेन्द्र ने काफी कम समय में अच्छी पैठ बना ली है। राजनैतिक जानकारों की माने तो सपा- भाजपा के प्रत्याशियों की अभी तक पार्टियों द्वारा अधिकृत रूप से प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। ऐसे में इन दलों के वोट बैंक में भी माधवेन्द्र ने अच्छी खासी सेंधमारी कर ली है। टिकट को लेकर प्रमुख पार्टियों के टिकट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क से उनकी लोकप्रियता दिनोदिन बढ़ती दिख रही है जो विपक्षियों के लिए बेचैनी का सबब बनी है। इस विधानसभा में करीब एक लाख दस हजार भूमिहार मतदाता, 80 हजार दलित मतदाता और अति पिछड़ों मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे बसपा के प्रत्याशी माघवेंद्र राय भूमिहार, दलित और अतिपिछड़े बर्ग के मतदाताओं पर अपनी पैठ तेजी से कर रहे है। लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे माधवेन्द्र राय अपने दिवंगत पिता के गहन संपर्कों को सहेजते हुए जनता के हर मुद्दे पर बेबाकी से अपना पक्ष रखा है। मालूम हो कि माघवेंद्र राय के पिता रिटायर्ड दरोगा वीरेंद्र राय जो 1996 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे। 2002 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट अंतिम समय में बसपा हाईकमान ने काट दिया और वह निर्दल चुनाव लड़े। स्वo वीरेंद्र राय की पकड़ अति पिछड़ों एवं दलितों में अच्छी थी। कई बार इनके हक के लिए वह किसी से भी मोर्चा लेने से नहीं हिचकते थे।
मुहम्मदाबाद में अधिकांश लोग इस बार बदलाव की बातें कर रहे है। कई लोगों ने कहा कि इस बार मुहम्मदाबाद में नए चेहरे की जरूरत है जो मुहम्मदाबाद में विकास की नई गंगा बहाए। माधवेंद्र राय ने दावा और वादा किया कि जनता ने यदि मौका दिया तो सालों से विकास की बाट जोह रहे मुहम्मदाबाद विधानसभा का चतुर्दिक विकास कर आदर्श विधानसभा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। विकास को प्राथमिकता देते हुए क्षेत्र में कार्य कराए जाएंगे।
फिलहाल माधवेंद्र अपनी साफ-सुथरी छवि और विधानसभा में विकास के विजन को लेकर जनता के बीच हैं। ऐसे में अब लोगों में ये सुगबुगाहट है कि इस बार उनको परिवर्तन दिखेगा।माधवेंद्र राय इस कड़ाके की सर्दी की परवाह ना करते हुए लगातार जनसंपर्क में जुटे हुए है। वो गाँव गाँव घर घर खुद और पूरी टीम के साथ हर वर्ग के लोगों से संपर्क स्थापित कर रहे है और उनको बिश्वास दिला रहे है जो कहा है वो कर के दिखाएंगे। माधवेंद्र राय ने कहा कि मुहम्मदाबाद में आज युवा अच्छी शिक्षा व्यवस्था ना होने के कारण दूर जाते है, अच्छी स्वास्थ सुविधाए ना होने से जनता को बहुत परेशानियों से रुबरु होना पड़ता है तथा सड़क की हालत तो भगवान भरोसे ही है।
माधवेंद्र राय मुहम्मदाबाद में विकास की अनदेखी के लिए भाजपा और सपा को सीधे तौर जिम्मेदार बताया और कहा कि इस चुनाव में जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी जो जनप्रतिनिधि होते हुए भी जनता के काम और क्षेत्र की विकास के बदले धन उगाही में लगे रहे। माधवेंद्र राय ने इसी क्रम में कई गाँव का तूफानी दौरा किया जिसमें पलिया,लोहारपुर ,बीरपुर, मुसरदेवा,खरडीहा.मिश्रवलिया,शहपुरा,मरगुपुर, आदि गाँव रहे। जनसंपर्क अभियान में डब्लू राय, सतीश राय, पीयूष राय, बंटी राय,टोनु राय, सच्चिदानंद राय, रामायण राय, चंद्रिका यादव, गुलाब राम मुन्ना यादव, रजनीकांत राय, अंकुर राय, पारसनाथ राय, जितेंद्र राय, सुभाष राय, तथा भारी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित रहे।