अनाथ बच्चों की मां’ सिंधुताई सपकाल नहीं रही, निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख

‘अनाथ बच्चों की मां’ सिंधुताई सपकाल नहीं रही, निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
मुम्बई। ‘अनाथ बच्चों की मां’ के तौर पर पहचानी जाने वाली मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का निधन मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से हो गया। पद्मश्री से सम्मानित सपकाल 75 वर्ष की थीं। उन्हें पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ शैलेश पुंताम्बेकर ने कहा, ‘सपकाल का करीब डेढ़ महीने पहले हार्निया का ऑपरेशन हुआ था। वह तेजी से उबर नहीं पा रही थीं। मंगलवार, रात करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।’
गरीबी में पली-बढ़ीं सपकाल को बचपन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए संस्थानों की स्थापना की। 14 नवंबर, 1948 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में जन्मी सपकाल को चौथी कक्षा पास करने के बाद स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 12 साल की छोटी सी उम्र में ही उनकी शादी 32 साल के एक शख्स से कर दी गई थी। तीन बच्चों को जन्म देने के बाद, उनके पति ने गर्भवती होने पर भी उसे छोड़ दिया। इसके बाद वह अनाथ बच्चों के लिए संस्थानों की स्थापना की। 40 वर्षों में एक हजार से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनकी देखभाल की। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दी। उन्हें अनाथ बच्चों की मां (Mother of Orphans) के रूप में जाना जाता था। इस नेक काम के लिए उन्हें पद्मश्री समेत कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।
मराठी बायोपिक ‘मी सिंधुताई सपकाल’ का लंदन फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर
2010 में उन पर एक मराठी बायोपिक ‘मी सिंधुताई सपकाल’ रिलीज हुई। इसे 54वें लंदन फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चुना गया था। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। कहा कि हजारों बच्चों की देखभाल करने वाली सपकाल मां के रूप में साक्षात देवी थीं। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री सिंधुताई को भावभीनी श्रद्धांजलि।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने व्यक्त किया शोक
अनाथ बच्चों की मां सिंधुताई सपकाल के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति भवन के ट्विटर से लिखा गया ‘डॉ सिंधुताई सपकाल का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की प्रेरक गाथा था। वह अनाथों, आदिवासियों से प्यार करती थी और उनकी सेवा करती थी। साल 2021 में पद्म श्री से सम्मानित, उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य के साथ अपनी कहानी खुद लिखी। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति संवेदना।’
अनाथ बच्चों की मां सपकाल को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
अनाथ बच्चों की मां सपकाल को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके प्रयासों के कारण कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं।समाज के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा के वास्ते सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सिंधुताई सपकाल ने हाशिये पर पड़े समुदायों के बीच भी काफी काम किया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।
राहुल गांधी ने प्रकट की संवेदना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अनाथ बच्चों की मां सपकाल के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने लिखा डॉ सिंधुताई सपकाल के निधन पर मेरी संवेदना। कई अनाथों की देखभाल के लिए उन्हें ‘माई’ के रूप में याद किया जाएगा। आदिवासी समुदायों के अधिकारों और पुनर्वास के लिए उनका व्यापक कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।