हार्टमन पुर मिशन में क्रिसमस पर्व पर सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न
हार्टमन पुर मिशन में क्रिसमस पर्व पर सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न
मानवता के शिखर पर वही मनुष्य पहुंच सकता है जिसने ‘पर में निज’ को पा लिया हो-गुरूचरण सिंह बग्गा
गाजीपुर जनपद के बाराचंवर ब्लाक क्षेत्र के हार्टमनपुर मिशन के गिरजाघर के परिसर मे प्रभु ईशु के जन्मोत्सव को बडे ही धुम धाम और नायाब तरीके से मनाया गया। डा. एकबाल की द्वारा कही गयी बात ‘मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना’ को ध्यान मे रख कर चर्च मे सभी धर्मों के लोगों को बुलाया गया था ।ताकि समाज मे यह संदेश जाये की ईसाई धर्म के साथ ही हिन्दू, मुश्लिम, सिक्ख,और धर्मों से आस्था रखने वाले और मानने वाले लोगों मे यह संदेश जाये की सभी धर्म एक ही बात सिखाया है की सभी को आपस मे प्रेम से रहना चाहिए और सबके अंदर दया की भावना हो।कार्क्रम की शुरुआत शनिवार के दिन ईशु के जन्म दिन के अवसर पर हुआ जिसमे हर धर्म से आये लोगों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया । कार्यक्रम के शुरू होते ही मिशन के बोर्डिंग की छात्राओं ने प्रार्थना नृत्य करके सभी लोगों का स्वागत किया।बोर्डिंग के छात्रों ने प्रभु येशू के जीवन पर आधारित एक नाटक का भी प्रस्तुतिकरण किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ फादर फेलिक्स राज के द्वारा सभी आगन्तुकों का स्वागत एवं क्रिसमस के बधाई संदेश से किया गया।
बौद्ध धर्म के शिवचरण भन्ते ने भी उपस्थित लोगों को सारगर्भित संदेश दिया।उन्होंने कहां की जिस तरह नदियां सागर में मिल कर विलीन हो जाती है।उसी तरह से धर्म भी अलग अलग अलग होने के बाद सबका केंद्र विन्दु परमात्मा ही है।अपने संबोधन में फादर सुशील प्रकाश ने भी प्रभु येशू के जीवन एवं सर्व धर्म पर प्रकाश डालने का कार्य किया। सिक्ख धर्म के शिक्षक गुरूचरण सिह बग्गा ने बताया की सिक्ख धर्म के सभी गुरुओ ने समाज मे भाई चारा का संदेश दिया था गुरु तेग बहादुर जी ने अपने युग के शासन वर्ग की नृशंस एवं मानवता विरोधी नीतियों को कुचलने के लिए बलिदान दिया। कोई ब्रह्मज्ञानी साधक ही इस स्थिति को पा सकता है। मानवता के शिखर पर वही मनुष्य पहुंच सकता है जिसने ‘पर में निज’ को पा लिया हो।
गुरु तेग बहादुर साहब का बलिदान न केवल धर्म पालन के लिए, अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था। इसलिए धर्म के सत्य व शाश्वत मूल्यों के लिए उनका बलि चढ़ जाना वस्तुत: सांस्कृतिक विरासत और इच्छित जीवन विधान के पक्ष में एक परम साहसिक अभियान था। हिन्दू धर्म की तरफ से मां कष्ट हरणी धाम के पुजारी राजकुमार पाण्डेय ने बताया की धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है। पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है धर्म कभी बदलता नहीं है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। मुश्लिम धर्म की तरफ से हाफिज फैय्याज ने बहुत खुबसूरत अंदाज में सर्व धर्म पर शेरो शायरी के साथ प्रकाश डाला।
अखिल भारतीय पठान सभा के अध्यक्ष हैदर अली टाईगर ने बताया की मुश्लिम धर्म हमेशा भाई चारे का संदेश देता रहा है ।हजरत मोहम्मद साहब को लोगों को इस्लाम धर्म समझाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दुश्मनों के जुल्मो-सितम को सहन करना पड़ा। वे जरूरतमंदों को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते थे। वे दीन-दुखियों के सच्चे सेवक थे। उनके जन्म के समय अरब में महिलाओं की बड़ी दुर्दशा थी। उन्हें बाजार की पूंजी समझा जाता था। लोग उन्हें खरीदते-बेचते थे और भोग-विलास का साधन मानते थे। लड़की का जन्म अशुभ माना जाता था और लड़की पैदा होते ही उसका गला दबाकर मार दिया जाता था।
इस महापुरुष ने जब यह बात देखी तो उन्होंने औरतों की कद्र करना लोगों को समझाया। उन्हें समानता का दर्जा देने को कहा । एक बार मस्जिद तामीर हो रही थी। वे भी मजदूरों में शामिल होकर काम करने लगे। लोगों ने कहा- ‘हुजूर, आप यह काम अंजाम न दें।’ इस पर पैगंबर साहब ने फरमाया- ‘खुदा के नेक काम में सब बराबरी के साथ हाथ बंटाते हैं।’ उनका कहना था कि लोगों को नसीहत तब दो, जब आप खुद उसका कड़ाई से पालन कर रहे हों। ईसाई धर्म की तरफ फादर सुशील प्रकाश ने बताया की यीशु ने बड़े-बड़े चमत्कार किए, जो किसी इंसान के बस की बात नहीं। क्योंकि ऐसा करने की शक्ति उसे परमेश्वर से मिली थी। यीशु ने अकसर ये चमत्कार सैकड़ों-हज़ारों लोगों के सामने किए। इन चमत्कारों से साबित हुआ कि यीशु के पास उसके दुश्मनों से कहीं ज़्यादा ताकत है और वह उन बड़ी-बड़ी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकता है, जिन्हें दूर करना इंसान के लिए नामुमकिन है।पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह ने सभी को क्रिसमस पर्व की शुभकामना देते हुवे कहा की धर्म चाहे अलग हो लेकिन हम सभी उसी एक परमात्मा को मानते हैं।हमारी उपासना एवं पूजा की पद्धति भले ही भिन्न भिन्न हो।सारे जात धर्म मजहब के बाद हम मानव है ।हमारे रंग रूप कद अलग हैं लेकिन सभी के अंदर उपस्थित रक्त का रंग एक है।अंत में पल्ली पुरोहित फादर सुशील तिर्की ने सभी को शुभकामनाएं दी सभी के प्रति आभार ब्यक्त किया।कार्यक्रम के अन्त में सभी लोगों के द्वारा संयुक्त रूप से सर्व धर्म सम्मेलन के लिए केक काट कर एक दूसरे को सप्रेम खिलाया गया।चर्च परिसर में सबके लिए जलपान की ब्यवस्था की गयी थी।क्रिसमस के लिए चर्च को बहुत खुबसूरत ढंग से सजाया गया था।24 दिसम्बर की मध्य रात्रि से 25 दिसम्बर को देर रात तक लोगों के आने जाने का क्रम जारी रहा।लोगों ने चर्च के साथ साथ बाहर निर्मित झांकी का दर्शन किया।सिस्टर आवास में एवं बिनोद जी के आवास पर भी झांकी का निर्माण किया गया था।
इस मौके पर उपस्थित लोगों मे सिस्टर संध्या,सिस्टर हेलेन.सिस्टर पूनम, फादर सुशील प्रकाश.फादर सुशील तिर्की पल्ली पुरोहित.पुर्व मंत्री सुरेन्द्र सिह,हर्ष राय डायरेक्टर डालीम्स सनबीम गांधीनगर.मिथिलेश राय.श्याम बहादुर राय.कृष्णाकांत राय.डा०रामकुमार राय.प्रगतिशील किसान पंकज राय.मिंकू राय.प्रिंस राय.जाफर अली पूर्व जिला पंचायत सदस्य. रामसागर यादव सदस्य जिला पंचायत.जफरूल्ला अंसारी.मृत्युंजय राय.चन्दन शर्मा. बृजानन्द तिवारी. आशुतोष राय.ओमप्रकाश पाण्डेय.विरेन्द्र यादव.दिवाकर पाण्डेय. लक्ष्मण राय.देवनाथ यादव.श्रीभगवान सिंह यादव. राजेश कुशवाहा.बिनोद शर्मा. पुर्णमासी राम. शुभनरायण यादव.सन्तोष वर्मा.निर्मल.निठाली.बिशाल.समेत सैकडो की संख्या में लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन मुंसफ अली उर्फ राजू अहमद और आये हुये सभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रधानाचार्य फादर फेलिक्स राज ने ब्यक्त किया ।