बिहार का चौथा एक्सप्रेसवे होगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: बिहार के इन 10 जिलों से होकर गुजरेगा

बिहार में जल्दी ही चौथे एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू होगा.

Gorakhpur-Siliguri Expressway: एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार 100 घंटे प्रति किमी से अधिक होती है. यह तभी संभव है जब सड़क सीधी और सरपट हो. इसे देखते हुए इस सड़क का एलाइनमेंट इस तरह तय किया जाएगा कि यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सीधे सिलीगुड़ी तक जाए. आबादी से हटकर इस सड़क का निर्माण होगा ताकि जमीन अधिग्रहण में अधिक समस्या नहीं हो.

आर्थिक रूप से पिछड़े इस राज्य बिहार को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है. दरअसल गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने वाले एक्प्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इसके बाद पथ निर्माण विभाग में इस सड़क को साकार करने की कवायद शुरू कर दी गई है. गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा. यह न सिर्फ बिहार को यूपी और बंगाल के बीच न केवल आवागमन आसान करेगा बल्कि व्यापार के नए रास्ते भी इससे खुलेंगे. इस एक्सप्रेसवे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा. यह भी जानकारी मिली है कि किसी पुरानी सड़क को एक्सप्रेस-वे में शामिल नहीं किया जाएगा.

दरअसल, एक्सप्रेवे पर गाड़ियों की रफ्तार 100 घंटे प्रति किमी से अधिक होती है. यह तभी संभव है जब सड़क सीधी और सरपट हो. इसे देखते हुए इस सड़क का एलाइनमेंट इस तरह तय किया जाएगा कि यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सीधे सिलीगुड़ी तक जाए. आबादी से हटकर इस सड़क का निर्माण होगा ताकि जमीन अधिग्रहण में अधिक समस्या नहीं हो.
यहां यह भी बता दें कि यूपी के गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच कोई सीधी सड़क नहीं है. इस कारण गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी तय करने में 12 से 14 घंटे तक लग जा रहा है. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी घटकर जहां 600 किलोमीटर से भी कम हो जाएगी वहीं, गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में महज सात से आठ घंटे लगेगी. छह-आठ लेन की बनने वाले एक्सप्रेसवे में से 416 किलोमीटर बिहार से होकर गुजरेगा. जाहिर है इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से सबसे अधिक बिहार को फायदा पहुंचेगा.

 

 

बता दें कि बिहार में अभी तक चार एक्प्रेसवे को स्वीकृति दी गई है. गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच प्रस्तावित यह सड़क बिहार का चौथा एक्सप्रेसवे होगा. औरंगाबाद से जयनगर के बीच एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. इस सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण का काम हो चुका है और जल्द ही इसका टेंडर जारी होगा. दूसरा एक्सप्रेसवे रक्सौल से पटना होते हुए कोलकाता तक का होगा. भारतमाला-दो के तहत इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है.

 

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