काशी में देव लोक सा नजारा देव दीपावली पर पांच बेटियों के अगुवाई में हुई मां गंगा की महाआरती,

काशी में देव लोक सा नजारा
देव दीपावली पर पांच बेटियों के अगुवाई में हुई मां गंगा की महाआरती,
गंगोत्री सेवा समिति ने रचा इतिहास
वाराणसी- कार्तिक पूर्णिमा पर तीनों लोकों से न्यारी काशी में देवलोक सा नजारा रहा। स्वर्ग जैसे गंगा का अर्धचंद्राकार किनारा दीपों की सजावट से जगमगा उठा। विश्वविख्यात देव दीपावली पर गंगा तट से लेकर शहर भर में सजी दीपमालाओं से पूर्णिमा का चांद भी शरमाने लगा। 84 घाटों पर एक साथ 15 लाख दीपों की लड़ियों ने आसमान के तारों को भी मात दे दी।
वहीं, दुसरी तरफ दशाश्वमेध घाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति ने आरती के इतिहास में एक नया अध्याय का सृजन करते हुए काशी में 30 साल पहले बाबू महाराज द्वारा शुरू किये गए गंगा आरती का इस वर्ष नेतृत्व पांच कन्याओं ने किया। 1991 के बाद आज इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के मान्या दुबे और शिवांश दुबे ने गंगा महाआरती में भाग लिया।
नारी शक्ति के सम्मान और उनके बढ़ते कदम की अगुआई के लिए गंगोत्री सेवा समिति ने एक नजीर पेश कर नारी सशक्तिकरण में एक कदम बढ़ाय। ब्राम्हणों के श्लोक के साथ ‘‘हर-हर गंगे’ के महाजाप से गूंज उठा।
वर्षो से चल रही परम्परा के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर नियमित आरती करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ। तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि निहारने को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था। श्रीगणेश मंगलाचरण से हुआ।
इसके पश्चात समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे (बाबू महाराज) के सान्निध्य में मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में 51 लीटर दूध से अभिषेक किया। समूचे घाट की आकर्षक सजावट के साथ ही माँ गंगा की 108 किलो की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 108 किलो फूल से किया गया।
इसी क्रम में पांच बेटियों के नेतृत्व में मां गंगा की महाआरती के साक्षी हजारों श्रद्धालुओं ने बेटियों के जन्म में सहायक और उनके सम्मान का संकल्प दोहराया। 21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि द्वारा गंगा महाआरती की गयी। इस उत्सव् को यादगार बनाने के लिए कन्हैया दुबे के संयोजन में हुए सांस्कृतिक आयोजन में गायक और सांसद मनोज तिवारी काशी के मशहूर गायक ओम तिवारी और आस्था शुक्ला और अमलेश शुक्ला संग तमाम गायकों ने गायकी के माध्यम से अपनी पुष्पांजलि अर्पित किया।
समिति द्वारा केदार घाट के सीढ़ीओ पर भी आकर्षक सजावट संग पांच आरती सम्पन कराई गयी। आयोजन के अंत में राज्य पुलिस और पीएसी के शहीद हुए जवानों की याद में अश्विन पूर्णिमासे जल रही आकाशदीप का समापन करते हुए उनके नाम से दीपदान संग किया गया। इस महाआयोजन में प्रमुख रूप से दिनेश शंकर दुबे ,गंगेश्वर दुबे, डॉ संतोष ओझा, भृगु नाथ द्विवेदी ,संकठा प्रसाद आदि लोग समिति के तरफ से माता गंगा की महाआरती में भागीदारी किया।