June 19, 2025

विश्व खाद्य दिवस आज: देश में हर साल 40 फीसदी खाना होता है खराब, 20 करोड़ रोज सोते हैं भूखे

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विश्व खाद्य दिवस आज: देश में हर साल 40 फीसदी खाना होता है खराब, 20 करोड़ रोज सोते हैं भूखे

करोड़ों लोग खाने के अभाव की वजह से कुपोषित हैं। ये भयावह तस्वीर तब है जब भारत में औसतन हर साल 68,760,163 टन खाना बर्बाद होता है।

भारत वैश्विक भुखमरी सूचकांक के 116 देशों की सूची में 91वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है। आज विश्व खाद्य दिवस है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 69 करोड़ से अधिक लोग हर दिन भूखे पेट सोते हैं। भारत में खाने के अभाव में हर दिन भूखे पेट सोने वाले लोगों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है। ये स्थिति तब है जब देश में हर साल पैदा होने वाला 40 फीसदी खाद्य पदार्थ रखरखाव या आपूर्ति की अव्यवस्था के कारण खराब हो जाता है।

थीम का महत्व समझें
एफएओ ने इस बार की थीम ग्रो, नरिश, सस्टेन, ऑवर एक्शन ऑर ऑवर फ्यूचर रखी है जिसका मतलब पोषण, पालन और बढ़ना है, हमारी कोशिश ही हमारा भविष्य है।

भुखमरी खत्म हो सकती है
एफएओ का कहना है कि दुनियाभर में 14 फीसदी खाद्य पदार्थ इसलिए खराब हो जाता है क्योंकि उसे काटने, रखने और आपूर्ति करने की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसी तरह 17 फीसदी खाद्य पदार्थ उपभोक्ता स्तर पर खराब होता है। अगर इस नुकसान को रोक दिया जाए तो दुनिया की एक बड़ी आबादी जो भूखे सोने को मजबूर है उसका पेट भरा जा सकता है।
40 फीसदी दुनिया की आबादी पौष्टिक आहार नहीं ले सकती है
20 लाख लोग खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली से मोटापे के शिकार
33 फीसदी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए दुनिया के फूड सिस्टम जिम्मेदार

दुनियाभर में कृषि और खाद्य पदार्थों से जुड़े क्षेत्रों में करीब 100 करोड़ लोग काम करते हैं। ये दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र हैं जहां
सबसे अधिक लोगों के पास नौकरी है।

भारत में खाने की बर्बादी
भारत में करोड़ों लोग भूखे सोते हैं तो एक बड़ी आबादी को पौष्टिक खाना नहीं मिल पाता है। वो भी तब जब देश में हर साल प्रति व्यक्ति पर 50 किलो खाना बर्बाद होता है। भारत में कुल खाने की बर्बादी का आकलन करेंगे तो हर साल 68,760,163 टन खाना बर्बाद होता है।

चीन में सबसे ज्यादा बर्बादी
अमेरिका में हर साल प्रति व्यक्ति 59 किलो खाना बर्बाद होता है। एक साल में पूरे खाने की बर्बादी का आंकड़ा 19,359,951 टन है। चीन में प्रति व्यक्ति खाने के बर्बादी की दर 64 किलो है। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में हर साल 91,646,213 टन खाना बर्बाद होता है।

2030 तक 84 करोड़ भूखे पेट सोएंगे
एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार अभी दुनिया की 8.9 फीसदी आबादी भूखे पेट सो रही है। वर्ष 2030 तक भूखे पेट सोने वालों का आंकड़ा 84 करोड़ हो जाएगा। दुर्भाग्य ये है कि वर्ष 2014 के बाद दुनियाभर में भूखे पेट सोने वाले लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान समेत दुनिया के अन्य गरीब और पिछड़े देशों में जिस तरह के हालात हैं उससे आने वाले समय में भुखमरी के हालात और गंभीर होंगे।

खाना ही स्वस्थ व खुशहाल दुनिया की नींव
वर्ल्ड फूड डे सिर्फ खाने का महत्त्व याद दिलाने का दिन नहीं है। पौष्टिक खाना ही स्वस्थ और खुशहाल दुनिया की नींव है। दुनियाभर में खाद्य सुरक्षा पर काम करने की जरूरत है। कोरोना महामारी के बीच दुनियाभर में 14 करोड़ से अधिक लोग खाने से वंचित रहे हैं। ये हालत तब है जब दुनियाभर में बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों की बर्बादी होती है। अगर उत्पादन कम होने लगे तो भुखमरी दुनिया के लिए नई चुनौती बनेगी।

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