*श्री राघव मंदिर काशी में 17 वीं पुण्यतिथि पर साकेतवासी वेणीमाधव दास को काशी के सन्तों ने किया नमन्*

*श्री राघव मंदिर काशी में 17 वीं पुण्यतिथि पर साकेतवासी वेणीमाधव दास को काशी के सन्तों ने किया नमन्*
*गुरु अव्यक्त रूप में सदैव शिष्य के पास विद्यमान रहता है-फलाहारी बाबा*
बाबा बिश्वनाथ जी की पावन नगरी काशी में स्थित श्री राघव मंदिर अस्सी रोड में श्री श्री 1008 ब्रह्मलीन श्री वेणी माधव दास जी महाराज की 17 वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि एवम भंडारे का आयोजन किया गया।यह कार्यक्रम श्री माधव कुंज के महन्त श्री श्री 1008 श्री शिवराम दास जी फलाहारी बाबा एवं राम जानकी मंदिर उधुरा ब्रह्मपुर बक्सर बिहार के महन्त श्री भरत दास जी महाराज के द्वारा आयोजित किया गया।इस अवसर पर विशेष पूजन अर्चन हवन आरती के पश्चात।कार्यक्रम का शुभारम्भ साकेतवासी सद्गुरुदेव बेणी माधव दास के चित्र पर उपस्थित महामंडलेश्वर. संत.महन्त एवं भक्तों के द्वारा पुष्पांजलि से की गयी।
अपने संबोधन में महन्त सियाराम दास जी महाराज ने कहा की।
महर्षि विश्वामित्र की पौराणिक धर्मनगरी बक्सर के ब्रह्मपुर क्षेत्र में श्रीराम मंदिर शान्ति धाम उधुरा के संस्थापक ब्रह्मलीन संत वेणीमाधव दास महाराज की आज 17 वी पुण्यतिथि है।पूज्य संत वेणीमाधव दास महाराज का भिवानी में विशिष्ट स्थान था। लाेग आपका बहुत ही आदर पूर्वक सम्मान करते थे। विद्वता में वह अपने आप में महान थे।आपका कोई जोड नहीं था आप अपने आप में अद्भुत एवम बेजोड थे।
देश के हर प्रान्तों में उनके शिष्य है। उन्होंने उधुरा में एक विशाल आश्रम की स्थापना की।
उन्होंने सदा राम और गुरु का आश्रय लेने को कहा।
महंत रमेशानंद महाराज ने बताया की मन्दिर के संस्थापक वेणीमाधव दास महाराज जी गृहत्याग के 60 वर्ष बाद जब अपने जन्मभूमि उधुरा लौटे तो मातृभूमि को समर्पित अपने इष्ट श्रीराम का मंदिर बनवाया था,जो आज इस क्षेत्र में नौलखा मंदिर के नाम से जाना जाता है।यह धाम सभी सुबिधाओं से पुर्णतया सुसज्जित है।बाग.गौशाला. विद्यालय. रसोई.धर्मशाला. सत्संग हाल.आकर्षक हवन स्थल समेत यहां सब कुछ बहुत ही सुव्यवस्थित ढंग से स्थापित है।
अपने संबोधन में वाराणसी के युवा समाजसेवी विकास सिंह राजन ने सन्त वेणीमाधव दास जी महाराज को नमन् करते हुवे कहा की आप अद्वितीय और प्रकांड धार्मिक सन्त थे।आपका ब्यक्तित्व काफी विशाल था।आप निर्मल छवि त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति थे।उनकी महिमा अनन्त है उसे किसी के भी द्वारा शब्दों में ब्यक्त कर पाना असंभव है।उन्होंने अपने शिष्यों को अच्छा मार्ग प्रदान किया।उनके सभी शिष्य अपने गुरू के दिये शिक्षा.संस्कार के बल पर समाज को शिक्षित.सुसंस्कृत. एवं सुगन्धित करते हुवे राष्ट्र हित समाज हित में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हुवे भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए प्रयत्नशील है।
अपने संबोधन में शिव प्रकाश राय व्यूरो वाराणसी स्वतंत्र चेतना समाचार पत्र ने कहा की सन्त बेणीमाधव दास जी सन्त समाज के एक महान सन्त थे।आज आप सशरीर उपस्थित नहीं है लेकिन आज भी उनकी कृपा हम सभी पर निरंतर बनी है।आपकी कमीं सदैव हम सभी को महसूस होती है।
श्री 1008 महामंडेलश्वर शिवरामदास महाराज उपाख्य फलाहारी बाबा ने अपने संबोधन में कहा कि अपने कर्मो से बनायी हुई कीर्ति ही मनुष्य को अमर बनाती है
त्याग और परमार्थ का जीवन ही समाज का कल्याण करता है।आपने कहा की गुरू का महत्व एवम गुरू के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।गुरू की महिमा अनंत है। गुरु बहुत कुछ देता है किन्तु सद्गुरु के माध्यम से मनुष्य को सबकुछ मिल जाता है। महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास जी फलाहारी बाबा ने कहा की गुरु कभी मरते नहीं हैं वल्कि सूक्ष्म शरीर से सदैव अपने शिष्य के साथ रहते है।गुरू शिष्य को हर मोड़ पर मार्गदर्शन कराने की अनुभूति भी कराते रहते है।जीवन में यदि सच्चा गुरु मिल जाए तो जीवन में बहुत बड़ी क्रांति बदलाव और परिवर्तन हो जाता है।गुरू की कृपा से शिष्य की सारी मनोकामना पूर्ण होती है।यह आप के विश्वास के ऊपर ही परिणाम निर्भर करता है। जितना अचल अटल निसंदेह विश्वास होगा उतना ही परिणाम सु परिणाम होगा।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य संत महंत एवं शिष्यों ने भी उनके ब्यक्तित्व व कृतित्व पर ब्यापक प्रकाश डालते हुवे श्रद्धांजलि दी।इस श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम के पश्चात भण्डारे का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में पधारे सभी सन्त महन्त को शिवराम दास जी फलाहारी बाबा के द्वारा अंग वस्त्रम.अचला.चादर एवं दक्षिणा भेंट कर स्वागत किया गया।इस अवसर पर पूज्य गुरूदेव भगवान के प्रतिमा के सामने खडे होकर पूज्य भरत दास जी महाराज के शिघ्र स्वस्थ होने की कामना की गयी।इस अवसर पर रामेश्वर चौबे.महन्त सियाराम दास जी.महंत रमेशानंद महाराज जी.संजय पाण्डेय. किरन देवी.चंदन राय.सोनू मिश्रा. दिनेश कुमार. रिशु मिश्रा. आकाश मिश्रा. विकास सिंह राजन.शिव प्रकाश राय समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।