शहीद सम्मान एवं पर्यावरण जागरूकता पदयात्रा के छठे चरण में उमड़ा जनसैलाब

गाज़ीपुर (विकास राय): शहीद सम्मान एवं पर्यावरण जागरूकता पदयात्रा के छठवें चरण में सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक डॉ सानन्द सिंह ताड़ीघाट निवासी शहीद मेजर विकास सिंह एवं मेदनीपुर निवासी कर्नल योगेश सिंह के घर पहुचे। यह पदयात्रा बोरसिया से धावां, खालिसपुर, बंजारीपुर, बवाडा, तकिया, रानीपुर, घाट, सुखदेवपुर, हमीद सेतु होते हुए कालूपुर, मेदनीपुर, ताड़ीघाट शहीद स्मारक एवं पार्क स्थल पर आम सभा के रूप में तब्दील हो गई। इस दौरान डाक्टर सानन्द सिंह ने शहीद परिजनों को स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। साथ ही दोनों शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के उपरांत वृक्षारोपण भी किया ।

इस शहीद परिवार सम्मान पद यात्रा के दौरान उसमें शामिल लोग हाथों में तिरंगा लेकर अमर शहीद अमर रहे, देश भक्ति नारे लगाते हुवे चल रहे थे। यात्रा में दर्जनों लग्जरी वाहन भी चल रहे थे, जिसमें ध्वनि-विस्तारक यंत्रों के जरिए देश भक्ति गीत ने पद यात्रा को और भी देशभक्तिमय बना दिया था ।यह यात्रा जिस रास्ते से गुजर रहा था लोग जगह-जगह फूल मालाओं से शामिल लोगों का गगनभेदी नारों एवं बैंड बाजा के साथ स्वागत कर रहे थे ।यह शहीद सम्मान पद यात्रा एक कारवां का रूप लेता हुवे जिन जिन रास्तों से गुजरा लोग उसमें खुद शामिल होते गये ।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संम्बोधित करते हुए डाक्टर सानन्द सिंह ने कहा कि देश के लिए अपने जान की कुर्वानी देने वाला बीर शहीद भारत माता का सच्चा सपूत होता है वह किसी विशेष का नहीं, शहीद की न कोई जाति होती है नहीं कोई मजहब होता है। उन्होंने कहा कि शहीद देश का गौरव है, जिन्होंने देश के मान-सम्मान के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। शहीदों की याद में इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारे क्रांतिकारियों व शहीदों के बारे में अपनी नई पीढ़ी को जागरूक करना है। हमें क्रांतिकारियों व शहीदों का अंतिम सांस तक आभारी रहना है। जिनकी बदौलत देश को स्वतंत्रता मिली और स्वतंत्रता कायम है।

इस दौरान डाक्टर सानंद सिंह ने कहा कि अगर शहीद के परिजनों का दर्द जानना हो तो उनसे मिलकर जाना जा सकता है। आज जरूरत है शहीदों के परिजनों की सुधि ली जाय की वह किस तरह से है।उन्होंने शासन प्रशासन से मांग किया कि शहीदों के सम्मान में शासन प्रशासन को आगे आना होगा, उनकी सुध लेनी होगी।जिन बहादुर सैनिकों ने तिरंगे के लिए अपना सर्वोत्तम बलिदान दिया है हम उन्हें हजारों बार नमन करते है। शहीदों के सम्मान में जरूरत है दलगत राजनीति से ऊपर उठने की जिसमें तिरंगे एवं राष्ट्रीयता का रास्ता हो ।

इस अवसर पर कमलेश सिंह टून्ना,दिग्विजय उपाध्याय,प्रशान्त सिंह सोनू.अजय यादव परिवर्तन. धनंजय यादव.बब्बन सिंह.विवेक सौरभ. दीपक सिंह, झबलू उपाध्याय, संतोष सिंह रिंकू, मनोज यादव, रमेश सिंह, पिंटू पांडेय, इंद्रदेव यादव, देवेन्द्र सिंह, ओंमप्रकाश सिंह, नसीम, शिवजी ,पंकज यादव,कृष्णा यादव.श्री प्रकाश राय.राजेश कुमार सिंह.राम जी गिरी.अमित सिंह रघुवंशी.सुनील राय. समेत हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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