*बिना ओजोन परत के जीवन संभव नही है-फादर पी विक्टर*

16 सितंबर 1995 में पहली बार मनाया गया विश्व ओजोन दिवस
सेण्ट जान्स स्कूल सिद्दिकपुर जौनपुर के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने विश्व ओजोन दिवस पर कहा कि बिना ओजोन परत के पृथ्वी पर जीवन संभव नही है।
ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारण किरणों से बचाने का काम करती हैंओजोन परत के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 सितम्बर को ओजोन दिवस मनाया जाता है।ओजोन परत के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधानों की खोज करने के लिए मनाया जाता है। ओजोन ऑक्सीजन के 3 परमाणु से मिलकर बना हुआ एक ऑप्शन है, गैस है, जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है। बिना ओजोन परत के जीवन संभव नहीं है। ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रा वाइलट किरणों से पृथ्वी को बचाती हैं। सूर्य से निकलने वाली ये किरणें कई त्वचा रोगों का कारण बन सकती हैं।
19 दिसंबर 1994 हो हुई विश्व ओजोन दिवस की घोषणा
19 दिसंबर, 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया। 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन परत को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओजोन परत की कमी के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को कम करके ओजोन परत की रक्षा करना है। 16 सितंबर 1995 को पहली बार विश्व ओजोन दिवस मनाया गया
*बेहद जरूरी है ओजोन परत का संरक्षण।*
फादर पी विक्टर ने बताया की ओजोन परत हमें सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखती है, लेकिन मानवीय गतिविधियों के चलते ओजोन परत दिन पर दिन कम हो रही है, जो पर्यावरण के लिए विनाशकारी हो सकता है। अगर सूरज की अल्ट्रा वाइलट किरणें सीधा धरती पर पड़ती हैं तो ये मानव जाति के अलावा पेड़-पौधों और जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक होगा। ऐसे में ओजोन परत का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है।