भाषा शुद्ध.बोलना शुद्ध हो तो व्यक्ति शक्तिशाली बनता है-फादर पी विक्टर

मंगलवार को सेंटजॉन्स स्कूल सिद्दिकपुर जौनपुर में हिन्दी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों एवं शिक्षकों ने हिन्दी के उत्थान हेतु अपने विचार व्यक्त किए। विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी. विक्टर ने हिन्दी दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी मातृभाषा तमिल है। किन्तु करीब 40वर्षों तक उत्तर भारत में रहने के कारण हिन्दी से उनको बेहद लगाव है, अंग्रेजी सीखना कला हो सकता है। परन्तु अपनी राष्ट्रभाषा सीखना, बोलना और उसका सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। जिस तरह हम अपनी माँ का सम्मान करते है, उसी तरह हमें अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए। फादर ने बताया कि करीब चालीस वर्ष पहले उन्होंने काशी की पावन भूमि पर पैर रखा। हिन्दी प्रति लगाव काशी से ही हुआ क्योंकि काशी की पावन संस्कृति सबको अपने में आत्मसात कर लेती है, और बाहर से आए हुए लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ती है, उसी का असर है कि हिन्दी कविता, कहानी और निबंध लेखन के प्रति स्वतः ही अनुराग हो गया और यह अहसास हुआ कि भाषा शुद्ध और बोलना शुद्ध हो तो व्यक्ति शक्तिशाली बनता है, समाज में मान सम्मान बढ़ता है, व्यक्तित्व में निखार आता है। हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दी को महत्त्व न देना बड़ी भूल है। देश की एकता के लिए हिन्दी का बोलना और जानना जरूरी है। गुजराती भाषी महात्मा गांधी एवं बंगला भाषी सुभाष चंद्र बोस जैसे हमारे महान नेताओं ने भी इसकी वकालत की थी।