कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़ः आतंकी को ढेर कर चंदौली के हरिद्वार यादव शहीद

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को सेना व आतंकियों के बीच मुठभेड़ में चंदौली के जवान हरिद्वार यादव शहीद हो गए। शहादत देने से पहले हरिद्वार यादव ने एक आतंकी को भी अपनी गोलियों से ढेर कर दिया। हरिद्वार के शहीद होने की जानकारी मिलते ही चंदौरी के हसनपुर गांव में कोहराम मच गया। उनके घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई।
चहनियां ब्लॉक के हसनपुर गांव के ग्राम प्रधान राजेश यादव के बड़े भाई हरिद्वार यादव (45) सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे। जम्मू कश्मीर के राजौरी में उनकी तैनाती थी। राजौरी के थानामंडी में गुरुवार को आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान एक आतंकी ढेर कर दिया गया। हरिद्वार यादव को भी गोली लग गई। सेना की टीम उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
राजौरी की पुलिस अधीक्षक शीमा नबी कसबा ने बताया कि और आतंकियों के छिपे होने के कारण मुठभेड़ जारी है। इस इलाके में अगस्त में हुई मुठभेड़ की यह दूसरी घटना है। थानामंडी क्षेत्र में छह अगस्त को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए थे।
राजौरी में ही तैनात मौसेरे भाई जवान धर्मेंद्र ने परिजनों को मुठभेड़ और हरिद्वार की शहादत की जानकारी दी। हरिद्वार के परिवार में पिता कल्पनाथ यादव, मां बेचो देवी, पत्नी लीलावती देवी, बेटा गौरव (20) व कृष्णा (14) और बेटी तमन्ना (17) के अलावा भाई राजेश यादव और प्रमोद यादव हैं।
नवंबर में होना था सेवानिवृत्त
हसनपुर गांव के हरिद्वार यादव की 1995 में भारतीय सेना में भर्ती हुई थी। उनका नवंबर 2021 में सेवानिवृत्त होना था। लेकिन तीन महीने पहले ही आतंकियों से मुठभेड़ में हरिद्वार यादव शहीद हो गए। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही समूचे ग्रामीणों में भी शोक की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों का जमावड़ा शहीद हरिद्वार यादव के पैतृक आवास पर जुटी रही।
पंचायत चुनाव में आए थे घर
शहीद हरिद्वार यादव के छोटे भाई राजेश यादव ने हसनपुर गांव से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था। भाई को चुनाव में जीत दिलाने के लिए जवान हरिद्वार यादव अप्रैल में अपने घर आए थे। चुनाव में उनके भाई राजेश यादव ग्राम प्रधान निर्वाचित भी हो गए। इसके बाद 9 मई को हरिद्वार यादव छुट्टी बीताने के बाद जम्मू कश्मीर लौट गए थे।
एक दिन पहले ही पत्नी से हुई थी बात
शहीद हरिद्वार यादव की एक दिन पहले ही बुधवार की रात मोबाइल पर पत्नी लीलावती व छोटे भाई प्रमोद यादव से बात हुई थी। उन्होंने नवंबर में सेवानिवृत्त के बाद परिवार के साथ पूरा समय बीताने की बात भी कही थी। लेकिन दूसरे दिन ही गुरुवार को उनके शहादत की खबर आने से कोहराम मच गया।