मुख्तार की खैरियत को लेकर परिजन भी फिक्रमंद –

मुख्तार की खैरियत को लेकर परिजन भी फिक्रमंद –

गाजीपुर। खुद की खैरियत को लेकर मुख्तार अंसारी की आशंका से उनके परिवारीजन भी फिक्रमंद हैं। उनके दोनों बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी और सांसद अफजाल अंसारी मंगलवार को मुख्तार से बांदा जेल में मिलने पहुंचे थे।

जेल में उनकी मुलाकात करीब आधा घंटा की रही। देखा जाए तो अंसारी परिवार के लिए लंबे अरसे बाद यह पहला सुखद मौका था, जब एक वक्त पर तीनों भाई संग बैठ गुफ्तगूं किए। उनमें क्या बातें हुईं। यह तो मुख्तार से मिल कर जेल से बाहर आने के बाद मौजूद स्थानीय मीडिया कर्मियों के बार-बार के सवाल पर भी दोंनों भाइयों ने कुछ नहीं बताया। बल्कि बड़े-बड़े और नाजुक मसलों पर भी मीडिया कर्मियों को ससम्मान चलता करने में माहिर सांसद अफजाल अंसारी बस यही बताए कि हम तीनों भाइयों की मंत्रणा मीडिया घरानों के मौजूदा सूरते हाल पर हुई। यही कि सरकार के पक्ष में एक तरफा रिपोर्टिंग और कास्ट कटिंग के नाम पर अपने ही कर्मचारियों की वेतन कटौती तथा छंटनी से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ खतरे में है…और यह कहते हुए अफजाल अंसारी और सिबगतुल्लाह अंसारी बढ़ गए थे।

बहरहाल, उस मौके पर पहुंचे स्थानीय मीडिया कर्मियों को अफजाल अंसारी का वह टालने वाला अंदाज था। जाहिर है कि मुख्तार से मिलने के पीछे उनकी ओर से जेल में अपनी हत्या की जताई गई आशंका ही रही होगी और चर्चा का विषय जेल में उनकी सुरक्षा के इंतजामात और संदिग्ध गतिविधियों के साथ ही कानूनी विकल्प रहे होंगे।

मालूम हो कि बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी ने सोमवार को बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट में वर्चुअल पेशी के दौरान जेल में खुद की हत्या की साजिश का सनसनीखेज आरोप लगाया था। यहां तक बताए थे कि उनकी हत्या के लिए पांच करोड़ की सुपारी भी देने की बात हुई है।

वैसे कोरोना के चलते प्रदेश भर की जेलों में कैदियों से उनके परिवारीजनों की मुलाकात पर पिछले साल से रोक लगा दी गई थी और सरकार ने वह रोक जिस दिन हटाई, उसके दूसरे ही दिन मुख्तार से मिलने उनके दोनों बड़े भाई पहुंच गए। जेल में उन्हें कई जगह जमा-तलाशी और कागजी औपचारिकता के बाद ही इंट्री मिली थी। साथ ही दोनों भाइयों को कोरोना की अपनी निगेटिव रिपोर्ट भी पेश करनी पड़ी थी।

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