June 21, 2025

” नागपंचमी प्राकृतिक संरक्षण की दृष्टि से सारगर्भित “

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” पशु – पक्षी, वृक्ष – वनस्पति के साथ आत्मीय संबंध जोड़ने की अपील ”

नमामि गंगे ने नाग पंचमी के पावन अवसर पर बाबा गौरी केदारेश्वर और नाग देवता की पूजा कर पशु – पक्षी, वृक्ष – वनस्पति सबके साथ आत्मीय संबंध जोड़ने की अपील की । गंगा जल से भोले शंकर का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर प्रकृति के संरक्षण की कामना की गई । नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है । नाग खेतों का रक्षण करते हैं, इसलिए उन्हें क्षेत्रपाल भी कहते हैं। जीव – जंतु , चूहे आदि जो फसल को नुकसान करने वाले तत्व हैं , उनका नाश करके नाग हमारे खेतों को हरा भरा रखते हैं । कहा कि हिन्दू संस्कृति ने पशु – पक्षी, वृक्ष – वनस्पति सबके साथ आत्मीय संबंध जोड़ने का प्रयत्न किया है । हमारे यहां गाय की पूजा होती है । हमारे यहां वृषभोत्सव के दिन बैल का पूजन किया जाता है । वट सावित्री जैसे व्रत में बरगद की पूजा होती है, परंतु नाग पंचमी जैसे दिन नाग की पूजा जब हम करते हैं , हमारी हिंदू संस्कृति की विशिष्टता पराकाष्ठा पर पहुंच जाती है । गाय , बैल , नाग इत्यादि का पूजन करके उनके साथ आत्मीयता साधने का हम प्रयत्न करते हैं क्योंकि वे उपयोगी हैं । आयोजन में प्रमुख रूप से काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला, रामप्रकाश जायसवाल, रश्मि साहू, विकास तिवारी, सोनू, दीपक सिंह भावना गुप्ता, रंजीता गुप्ता, वंदना मिश्रा, शुभम सिंह आदि उपस्थित रहे ‌ ।

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