आज ढेरों सिद्धार्थ की जरूरत है समाज को

गाजीपुर जनपद के युवा समाजसेवी सिद्धार्थ जो आज कल प्रतिदिन नियमित रूप से हर एक नागरिक तक खुद पहुँच कर एक-एक फलदार पौधा उपलब्ध करवाने का कार्य कर रहे हैं वह पर्यावरण संरक्षण के लिये बेहद मज़बूत पहल है ।
सिद्धार्थ और उनकी युवाओं की टोली हर शाम नियमित रूप से दो घंटे हर घर को अपना घर मान कर वहाँ एक-एक पौधा उपहार स्वरूप भेंट करते हैं और पौधा लेने वाले से यह आश्वासन भी लेते हैं की इसकी सुरक्षा आपकी ज़िम्मेदारी है । सिद्धार्थ किसी भी नागरिक को एक से अधिक पौधा उपलब्ध नही करवाते क्युँ की उनका मानना है की अधिक पौधे देने से शायद उनकी देख भाल उतने अच्छे ढंग से ना हो सके ।

सिद्धार्थ ने अब तक दस हज़ार से अधिक लोगों तक स्वयं पहुँच कर उन्हें पौधा उपलब्ध करवाया है और अभी यह संख्या यही तक सीमित नही रहने वाली क्युँ की सिद्धार्थ कहते हैं यह तो अभी बस शुरूवात है ।
सिद्धार्थ पौधे लगाने का काम पिछले अनेकों अनेक वर्षों से करते आ रहे है आते-जाते नगर में जगह जगह सड़कों के किनारे सिद्धार्थ के लगाये गये पौधे जो अब वृक्ष बन चुके हैं आपको आसानी से नज़र आजायेंगे । इस पर्यावरण संरक्षण के कार्य के लिए सिद्धार्थ को ढेरों पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।

सिद्धार्थ ने तो गंगा किनारे भी अनेकों पीपल के वृक्ष लगाये हैं और इनके लगाने का कारण पूछने पर सिद्धार्थ बताते है की यह उनके मरने के बाद का इंतजाम है । क्युँ की हिंदू रीति रिवाज में मरने के बाद घंट नदी किनारे वाले पीपल के पेंड पर ही बाँधा जाता है और मैंने तो अपना वो पीपल का सिर्फ़ एक नही बल्कि अनेको अनेक पेंड खुद तैयार कर लिये हैं ।
अगर सिद्धार्थ जैसे युवा समाज में कुछ और हो जायें तो फिर आने वाला भविष्य बेहद खूबसूरत बन जायेगा।