June 21, 2025

जानें कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा, और गंगा पूजन का महत्त्व-फलाहारी बाबा

शास्त्रों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार हर एक पर्व का विशेष महत्त्व है। ऐसे ही महत्त्वपूर्ण पर्वों में से एक है गंगा दशहरा का त्यौहार। यह पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से पवित्र नदियों में स्नान करना महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

अयोध्या वासी महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास उपाख्य फलाहारी महाराज ने बताया की इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही नहीं इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्त्व है।जानें इस साल कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा और इसका क्या महत्त्व है।

गंगा स्नान करने वाले को तीन स्वरूप प्रदान करती है मां गंगा

गंगा स्नान करते समय स्नान करने वाला त्रिदेव के रूप मे हो जाता है।
जब कोइ स्नान करने के लिए गंगा में प्रवेश करता है तो विष्णु का रूप क्योंकी गंगा विष्णु के चरणों से निकली है.डुबकी लगाते समय सर पर गंगा होने से शिव स्वरूप और जब स्नान करके पात्र में गंगा जल लेकर निकलता है तो ब्रह्मा का स्वरूप प्राप्त करता है।

गंगा दशहरा की तिथि

गंगा दशहरा का पावन त्यौहार हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर ज्येष्ठ का महीना जून के महीने में होता है। इस बार गंगा दशहरा का त्यौहार 20 जून, 2021, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तों का पवित्र नदी में स्नान करना शुभ फल देता है। मान्यता यह भी है कि यदि किसी वजह से नदी में स्नान कर पाना संभव न भी हो तब भी स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करना लाभकारी होता है और इससे भी पापों से मुक्ति मिलती है

पवित्र नदी में स्नान शुभ

हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आईं थीं। तभी से माता गंगा को पूजने की परंपरा चली आ रही है। गंगा माता के अवतरण दिवस के रूप में इस पर्व को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन नदी में डुबकी लगाना अत्यंत शुभ होता है। मुख्य रूप से काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा माता का मुख्य रूप से पूजन और आरती की जाती है साथ ही श्रद्धालुगण गंगा नदी में स्नान करते हैं।

नदी में दीपक प्रज्ज्वलित किए जाते हैं

गंगा दशहरा के दिन नदी में मुख्य रूप से दीपक प्रवाहित किये जाते हैं और इस दिन पितरों को याद करके दीपक प्रज्ज्वलित करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन पितरों को याद करने से देवताओं के साथ पितर भी प्रसन्न होते हैं और कृपा दृष्टि बनी रहती है। गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य कराना भी शुभ माना जाता है। मुख्य रूप से गंगा दशहरा के दिन अपने पितरों को याद करें और उन्हें जल जरुर दें। शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दें।

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