वट सावित्री के अवसर पर फादर पी विक्टर ने वटवृक्ष का दान दिया

सेंट जॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने उपहार स्वरूप महिलाओं को वट के पौधों को भेंट किया।फादर विक्टर ने कहा की आज वट सावित्री व्रत है इस व्रत की पूजा ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन किया जाता है।महिलाएं एक दिन पूर्व ही उपवास करती हैं और अमावस्या के दिन वट वृक्ष की परिक्रमा कर पूजा करती हैं।मान्यता है कि वट सावित्री व्रत करने एवं वट वृक्ष की पूजा करने से पति की आयु बढ़ती है।पौराणिक कथा है कि इस दिन अपने मृत पति को पुन: जीवित करने के लिए सावित्री ने यमराज से याचना की थी जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने उन्हें उनके पति सत्यवान के प्राण लौटा दिए थे। इसी के साथ यमराज ने सावित्री को तीन वरदान भी दिए थे। इन्हीं वरदान को मांगते हुए सावित्री ने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर अपने पति को जीवित करवा दिया था। बताया जाता है कि यम देवता ने सत्यवान के प्राण चने के रूप में वापस लौटाए थे। सावित्री ने इस चने को ही अपने पति के मुंह में रख दिया था जिससे सत्यवान फिर से जीवित हो उठे थे। यही वजह है कि इस दिन चने का विशेष महत्व माना गया है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने बताया कि हमारी संस्कृति में हर व्रत त्योहार का सम्बंध प्रकृति से है।वट वृक्ष से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है जो प्राण स्वरूप ही है।इसलिए वट सावित्री के अवसर पर महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं।

हमारे ऋषि मुनि वृक्षों के महत्त्व को जानकर ही उनके संरक्षण के लिए ही नवरात्र में नीम की पूजा,नित्य तुलसी पूजा,गुरुवार को केला एवं शनिवार को पीपल पूजा आदि का विधान बनाया था।व्रत त्योहार के प्राकृतिक संरक्षण के संदेश को समझना चाहिए और उसके अनुसार आचरण करना चाहिए तभी त्योहार मनाने की सार्थकता है।वट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर फादर ने विद्यालय प्रांगण में वट का पौधा लगाया।इस अवसर पर विद्यालय के अध्यापक पीएस यादव सहित अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।