नाम सिद्धार्थ और विचार गौतम बुद्ध जैसे

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से रविवार को निकली भारत यात्रा सोमवार को चंदौली पहुँची जहाँ राकेश कांत राय के आवास पर चंदौली के समाजसेवियों द्वारा यात्रा का स्वागत करते हुए सिद्धार्थ सेवार्थ को सम्मान दिया गया गया।इसके पश्चात सिद्धार्थ ने चंदौली के बुनकर समाज के लोगों से भेंट की और उनके कार्य को देखा और ढेरों प्रशंसा की।

लोगों से ईजाजत लेने के बाद यात्रा वाराणसी के लोहता बाज़ार पहुँची जहाँ बुनकरों के चौतीसी तंजीम लोहता के सरदार हाजी हैदर महतो व कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पूर्वाचल प्रभारी अखिलेश मिश्रा जी व जिला अध्यक्ष श्यामसुन्दर जी, महासचिव ज्वाला सिंह जी, उपाध्यक्ष शैलेश सिंह जी ,हाजी साहबान ,हाजी अब्दुल्ला अंसारी जी व अन्य बुनकर साथियों ने यात्रा का स्वागत किया

और कहा की आज से लगभग 1500 वर्ष पहले भगवान गौतम बुद्ध ने जो किया था जिसे हम पढ़ा करते हैं आज कुछ वैसा ही हम सिद्धार्थ में भी देख रहे हैं ।

इसके बाद यात्रा वाराणसी के गंगा घाट पर पहुँची जहाँ गंगा आरती में यात्रा दल के सभी सदस्यों का भव्य स्वागत किया गया फिर रात्रि विश्राम के बाद यात्रा अगले दिन वाराणसी में अन्य कार्यक्रमों मे शामिल होने के बाद भदोही के लिए प्रस्थान कर गयी ।

यात्रा में सिद्धार्थ के साथ अभिषेक , हिमांशु और राहुल भी शामिल हैं । यात्रा का प्रथम चरण 101 ज़िलों का है ।


