7 मार्च से भारत यात्रा पर निकलेंगे सिद्धार्थ सेवार्थ, पवित्र उद्देश्य को चहुंओर मिल रहा जनसमर्थन

कम उम्र में ही एक सशक्त समाजसेवी और समेकित कृषि के ब्रांड एंबेस्डर के रूप में खुद को स्थापित करने वाले सिद्धार्थ सेवार्थ एक नई मुहिम शुरू करने जा रहे हैं। सिद्धार्थ सेवार्थ और सामाजिक गतिविधियों में उनका साथ देने वाली टीम 7 मार्च से भारत यात्रा पर निकल रहे हैं। इस यात्रा की शुरुआत गाजीपुर के हाला-हरिहरपुर में समेकित खेती के सिद्धार्थ के अभिनव प्रयोग खुरपी गांव से होगी। चरणबद्ध तरीके से इस यात्रा के समस्त पड़ावों की जानकारी सिद्धार्थ अपने सोशल मीडिया माध्यम और मीडिया संवाद के जरिए देते रहेंगे। इस यात्रा को कई चरणों में पुरा किया जायेगा ।

यात्रा का उद्देश्य पवित्र इसलिए मिल रहा भारी जनसमर्थन

सिद्धार्थ सेवार्थ की इस भारत यात्रा से जुड़ने के लिए एक नंबर भी जारी किया गया है। 02249558077 नंबर पर मिस कॉल कर उनकी इस भारत यात्रा से जुड़ा जा सकता है और अपना समर्थन दिया जा सकता है। सिद्धार्थ की इस यात्रा का मकसद काफी खास है। असल में सिद्धार्थ ने इस यात्रा के पीछे के पूरे मकसद को सोशल मीडिया पर जारी कर लोगों को बताया है।

अन्न से अन्त्योदय.अब जात पात की बात नहीं

सिद्धार्थ की इस य़ात्रा का मकसद जाति-पात से मुक्त भारत का है। उन्होंने इस यात्रा के कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करते हुए बताया कि वह यात्रा के दौरान लोगों से एक मुट्ठी अन्न दान की मांग करेंगे। अन्न ही क्यों? इस सवाल के जवाब में सिद्धार्थ कहते हैं कि क्योंकि अन्न की कोई जाति नहीं होती, उसका कोई धर्म नहीं होता। वह बिना भेदभाव किए सबकी भूख मिटाता है।

जाति के बंधन में जकड़े समाज को एक संदेश देने के लिए ही सिद्धार्थ इस यात्रा पर निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि खुद के नाम के आगे सेवार्थ भी जोड़ने के पीछे की मंशा यही है कि टाइटल से लोग जाति तलाशने लगते हैं। सिद्धार्थ सवाल उठाते हैं कि जातियों में बंटा ऐसा समाज कैसे तरक्की कर सकता है।

एक मुट्ठी अन्न का क्या करेंगे?

लोगों के मन में एक सहज जिज्ञासा उठ रही है कि आखिर एक मुट्ठी अन्न का दान लेकर सिद्धार्थ उसका क्या करेंगे। यात्रा पर निकलने से पहले सिद्धार्थ इसकी कार्योयोजना पेश करते हुए इस सवाल का भी जवाब देते हैं। सिद्धार्थ बताते हैं कि लोगों से मिले एक मुट्ठी अन्नदान को एक जगह इकट्ठा कर उन्हें आपस में मिला दिया जाएगा। इसमें सबसे मिला दान होगा। इस अन्न से तैयार खिचड़ी को सत्संग में परोसा जाएगा। लोग जब हर घर से मिले अनाज को एक पांत में बैठकर खाएंगे, तो जाति का बोध जाता रहेगा।

युवाओं को ग्रामीण रोजगार की संभावनाओं के लिए करेंगे प्रेरित

इस यात्रा के माध्यम से सिद्धार्थ अलग अलग ज़िलों मे युवाओं को गाँव में रोज़गार की अपार संभावनाओं के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवायेंगे की कैसे उन्होंने गाँव मे खुरपी की शुरूवात की और कैसे अन्य लोग भी इसे कर सकते हैं ।

करेंगे लोगों को सम्मानित

अलग अलग ज़िलों में बेहतरीन कार्य करने वाले लोगों और किसानों से सिद्धार्थ मिलेंगे और उन्हें सम्मानित भी करेंगे ।

यात्रा किधर से गुजरेगी

7 मार्च खुरपी गाँव से शुरू होकर रात्रि प्रवास जमानियाँ , 8 मार्च चंदौली होते हुए रात्रि प्रवास वाराणसी , 9 मार्च भदोही होते हुए ज्ञानपुर रात्रि प्रवास , 10 मार्च प्रयागराज रात्रि प्रवास , 11 मार्च रायबरेली रात्रि प्रवास , 12 मार्च लखनऊ रात्रि प्रवास व आगे के कार्यक्रम बाद में इसी तरह बनते रहेंगे ।

सिद्धार्थ की इस भारत यात्रा का उद्देश्य़ काफी पवित्र है। यही वजह है कि उनकी इस यात्रा को चौतरफा जनसमर्थन मिल रहा है। जब से सिद्धार्थ ने इस यात्रा की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है, उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों से संदेश आ रहे हैं। लोग उनकी इस यात्रा से जुड़ भारत को एक बनाने के उद्देश्य से जुड़ना चाह रहे हैं।

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