जब जब पृथ्वी पर अत्याचार दुराचार पाप बढ़ता है तो भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं-विष्णु दत्त शास्त्री

गाजीपुर जनपद के बाराचवर ब्लाक के असावर गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।
कथावाचक विष्णुदत्त शास्त्री ने कहा कि पापियों का संहार करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। जब जब पृथ्वी पर अत्याचार दुराचार पाप बढ़ता है तो भगवान अनेक रूप में अवतार लेते हैं। रावण का अत्याचार बढ़ा तो भगवान श्रीराम ने अवतार लिया। कंस के पाप से मोक्षदायिनी नगरी मथुरा में पाप बढ़ गया, वहां की प्रजा का जीवन जीना मुश्किल हो गया तो भगवान बृजनंदन श्री कृष्ण स्वयं अवतार लिए और पापी कंस का संहार किया।
विष्णु दत्त शास्त्री जी ने कहा की भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं।
भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े। मानव मुट्ठी बंद करके यह संकल्प दोहराते हुए इस पृथ्वी पर जन्म लेता है। प्रभु भागवत कथा के माध्यम से मानव का यह संकल्प याद दिलाते रहते हैं। भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। भागवत ने कहा है जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो, इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं।
कथा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया।इस मौके पर रामजी राय, प्रदीप राय, सुमित राय, शिवम राय, विकास समेत ढेर सारे कथा प्रेमी मौजूद रहे।