श्रद्धांजलि. श्रद्धा और श्राद्ध यह तीन शब्द अपने पूर्वजों की परंपरा में सम्मान के हैं-डाक्टर सानन्द
डुमरांव महाराज बहादुर स्व० कमल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर भोजपुर कोठी में उमडे लोग

बक्सर संसदीय क्षेत्र के प्रथम सांसद सह डुमराव महाराजा बहादुर स्व० कमल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर डुमराव राज के भोजपुर कोठी पर राजपरिवार व डुमरांव वासियों के साथ बक्सर जनपद एवं अन्य जनपद के लोगों द्वारा पहुंचकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।श्रद्धाजंलि कार्यक्रम का शुभारम्भ गीत संगीत के माध्यम से भजन गायक काजू चौबे.प्रियंवदा दूबे.अनुपम दूबे तथा तबला पर संगत करते हुवे अनुराग मिश्रा ने बैष्णव जन तो तेने कहिए.जे पीड पराई जाने रे भजन से की।

उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रख कर स्व० महाराज को श्रद्धांजलि दी।इस प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राजपरिवार के महाराज चन्द्र विजय सिंह.कणिका सिंह.मान विजय सिंह.अरूणिमा सिंह.सुमेर विजय सिंह.कुमार शिवांग विजय सिंह.कुमार समृद्ध विजय सिंह.अर्जुन सिंह. आकृति कुमारी.कुमारी रोहिणी सिंह.राज सिंह.ऋषभ सिंह के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव उपाध्याय. डाक्टर सानन्द सिंह प्रबन्ध निदेशक सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज गाधिपुरम बोरसिया गाजीपुर. जितेन्द्र राय.पूर्व डी जी पी गुप्तेश्वर पाण्डेय.भाजपा नेता शम्भुनाथ पाण्डेय.बिधायक बक्सर संजय तिवारी. भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सन्तोष रंजन राय.राजपुर विधायक विश्वनाथ राम.

पत्रकार शिव जी पाठक. ब्रह्मा पाण्डेय.तारकेश्वर सिंह.पत्रकार दिनेश ओझा.रामनाथ तिवारी.डाक्टर बालेश्वर सिंह.प्रदीप दूबे भाजपा नेता.सत्येंद्र कुंवर.पत्रकार विनीत मिश्रा.आशिष राय.अम्बरीश पाठक.सुशील राय प्रवक्ता भाजपा किसान मोर्चा बिहार समेत ढेर सारे लोग उपस्थित रहे।इस अवसर पर गाजीपुर जनपद से श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे डाक्टर सानन्द सिंह ने कहा की

श्रद्धांजलि. श्रद्धा और श्राद्ध यह तीन शब्द अपने पूर्वजों की परंपरा में सम्मान के हैं-डाक्टर सानन्द
डुमराव महाराज ,कमल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर डुमराव राज कोठी पहुंचकर सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस गाजीपुर के प्रबंध निदेशक और बलिया के सतीश चंद्र कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सानंद सिंह ने भी पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
उन्होंने कहा की श्रद्धांजलि, श्रद्धा और श्राद्ध, यह तीन शब्द अपने पूर्वजों अपने उन महान लोगों की परंपरा में सम्मान के हैं।

जब हम उन्हें विदा करने के बाद इस धरती पर उन्हें देते हैं .यही परंपरा हिंदू धर्म में श्राद्ध की कही जाती है।
जब हम अपने पूर्वजों को अपने महान लोगों को अपनी अंजली से श्रद्धा अर्पित करते हैं तो ईश्वर प्रसन्न होता है।
डुमराव की रियासत ने इस बार महाराजा की प्रथम पुण्यतिथि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए अपनी कोठी पर आयोजित किया।

डाक्टर सानन्द ने कहा की उस महान आत्मा को इस बात के लिए याद किया जायेगा जिसके जनता के लिए सदैव से दरवाजे राज खुले रहे हैं।
डुमराव महाराज के निधन के बाद आयोजित इस प्रथम पुण्यतिथि के मौके पर डॉ सानन्द सिंह ने यह बताया कि ,चाहे कल कारखानों का इंतजाम रहा हो चाहे लोगों के लिए खेल के मैदान की सुविधा रही हो या गरीब लोगों को दवा का प्रबंध रहा हो चाहे शिक्षा की व्यवस्था रही हो पूरे भारतवर्ष में अकेली डुमराव रियासत है जिनकी लोकप्रियता का जो सबसे बड़ा कारण है

वह अपने दरवाजों को जनता के लिए खोलने का है।डुमरांव महाराज अपने कार्यों के कारण अमरत्व को प्राप्त किये है।
आज उस विनम्र श्रद्धांजलि सभा एवं प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर लोगों के जो श्रद्धा भाव थे यह श्रद्धा और विश्वास सैकड़ों साल की विरासत है
जिसको आज वर्तमान समय में महाराजा चंद्र विजय सिंह या उनके भाई उनके पुत्र तक पहुंच गई है। आज अपनी कोठी पर ,
महाराज परिवार के द्वारा महाराजा बहादुर कमल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि को मनाया गया

इन बातों से,, हम आज के सामान्य लोगों को जोड़ते हुए कहना चाहते हैं कि आपको भी अपने पूर्वजों का अपने माता-पिता का,, अपने उन महान लोगों का,, सम्मान करना चाहिए जिन्होंने अपना सब कुछ दे करके इस संसार से विदा लिया है।डाक्टर सानन्द सिंह के द्वारा अपने पिताजी कर्मयोगी स्व० सत्यदेव सिंह की की तृतीय पुण्यतिथि पर प्रकाशित पुस्तक महाराज चन्द्र विजय सिंह को भेंट की गयी।











