जीवात्मा और परमात्मा के संबंध स्थापित होने का नाम ही विवाह है-फलाहारी बाबा

जीवात्मा और परमात्मा के संबंध स्थापित होने का नाम ही विवाह है-फलाहारी बाबा
गाजीपुर जनपद के डिहवा दुर्गा मंदिर पर आयोजित सरस संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या नगरी से पधारे श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास उपाख्य फलाहारी बाबा ने अपने मुखारविंद से भक्ति एवं वैराग्य की कथा मृत का रस पान कराते हुए कहा की
जीवात्मा और परमात्मा के संबंध स्थापित होने का नाम ही विवाह है। स्थापित तो है ही जिस दिन ज्ञापित हो जाता है उसी दिन जीव का विवाह ब्रह्म से हो जाता है।
बुद्धि रुपी कन्या और ब्रह्म रूपी वर के संयोग से सत्संग के देख रेख में विवेक रूपी पुत्र का जन्म होता है। जिससे आपके जीवन का भविष्य सज जाता है और संवर जाता है। जीवन में ऐसे पति का चुनाव करना है जो श्मशान के बाद की यात्रा में भी साथ दे सके ऐसे पति का नाम परमात्मा है। जीवात्मा स्त्रीलिंग शब्द है और परमात्मा पुलिंग शब्द है।हम सब जीव कन्या हैं। यदि ब्रह्म हमारा पाणी ग्रहण कर ले तो हमारा जीवन कृत्य कृत्य हो जाए। कबीर दास ने 80 वर्ष की उम्र में लिखा कि मैं तो राम की दुल्हनिया बन गई रे। वेद व्यास तुलसी कबीर और और मीरा की रचना प्रैक्टिकल पहले हुआ बाद में थ्योरी लिखी गयी इसीलिए आज सभी श्रोता और वक्ता के हृदय को स्पर्श करता है।
अपार जन समूह के मध्य भव्य कथा मंच पर श्री फलाहरी बाबा के मुखारविंद से रुक्मिणी मंगल की कथा सुनकर और देखकर समस्त श्रोता झूम उठे। केवल डीहवां गांव के ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोग भी कथा में बैठकर श्रोत्र और नेत्र दोनों सफल कर रहे हैं। सत्संग कथा के अलभ्य लाभ से अपने आप सौभाग्यशाली मानकर लाभान्वित हो रहे हैं।
कथा में सुप्रसिद्ध गायक रिंकू रसिया के भजनों पर उपस्थित श्रोता झूमने लगते हैं।
कथा में युवा संत बालक दास,मुख्य यजमान राधेश्याम मिश्रा, विनोद कुमार गुप्ता ग्राम प्रधान, शिवमंगल यादव, शशिधर उपाध्याय,
गोविंद उपाध्याय, मनोज उपाध्याय, राहुल उपाध्याय, हरि भजन कुशवाहा, दीपक कुशवाहा,राज किशोर सिंह, रामनारायण सिंह, विनय मिश्रा समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।