महंत नृत्यगोपालदास एक महीने बाद मेदांता से डिस्चार्ज, शिष्यों के साथ अयोध्या पहुंचे

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास पूरे एक माह बाद लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल से छुट्टी पाने के बाद बुधवार की शाम रामनगरी अयोध्या पहुंच गए। नजदीकी शिष्यों एवं चिकित्सकों की निगरानी में उन्हें एंबुलेंस से अयोध्या लाया गया। बेहद सावधानी और आदरपूर्वक उन्हें एंबुलेंस से उतारकर व्हील चेयर से उनके कक्ष में पहुंचाया गया। इस कक्ष में उनके और चुनिंदा चिकित्सकों के अलावा उनके निजी सेवक जगन्नाथदास एवं जानकीदास को ही जाने की इजाजत है।
उनके स्वास्थ्य को लेकर अति सजगता बरती जा रही है। इस मौके पर जिलाधिकारी अनुजकुमार झा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह, महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास, कृपालु रामदास आदि सहित बड़ी संख्या में संत एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
मेदांता के चिकित्सकों ने शनिवार को ही उनके स्वास्थ्य में सुधार का बुलेटिन जारी किया था। तभी अस्पताल से उनके डिस्चार्ज होने की उम्मीद की जाने लगी थी। नौ नवंबर को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद महंत नृत्यगोपालदास को एंबुलेंस से लखनऊ ले जाया गया और मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ व सीने में दर्द था।
डॉक्टरों की जांच में फेफड़े की नसों में रक्त का थक्का जमा मिला। इस दौरान प्रोसीजर व दवा के जरिए चिकित्सकों ने थक्का साफ करने में सफलता पाई। इसके बाद धीरे-धीरे महंत की तबीयत में सुधार आया। मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक महंत एक सप्ताह से ऑक्सीजन सपोर्ट से बाहर थे। इस दौरान वह खुद से ऑक्सीजन ले रहे थे। वह काफी राहत महसूस कर रहे थे। ऐसे में बुधवार दो बजे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। वह समय-समय पर फॉलोअप के लिए आते रहेंगे।
हालांकि नृत्यगोपालदास की तबियत 13 अगस्त को ही बिगड़ गयी थी। वे कृष्ण जन्माष्टमी में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेने मथुरा स्थित कृष्णजन्मभूमि गये थे और कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान ही उनकी तबियत बिगड़ी। अगले दिन जांच में वे कोरोनाग्रसत पाये गये। इसके बाद 24 दिनों तक वे गुडग़ांव स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। सात सितंबर को गुडग़ांव के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अयोध्या लाये गये थे और चिकित्सकों की विशेष निगरानी में थे। इसके बावजूद उनकी तबियत पुन: बिगड़ी और उन्हें नौ नवंबर को दूसरी बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
24 घंटे मेडिकल टीम की निगरानी में रहेंगे
महंत नृत्यगोपालदास को भले ही अस्पताल से छुट्टी मिल गयी हो, पर उन्हें लेकर स्वास्थ्य विभाग किसी ढिलाई के मूड में नहीं है। चिकित्सकों, नर्सों एवं विशेषज्ञों की टीम तीन शिफ्ट में चौबीसों घंटे उनके स्वास्थ्य की निगरानी करती रहेगी।