कर्मवीर सत्‍यदेव सिंह के छठवीं पुण्‍यतिथि पर दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि

कर्मवीर सत्‍यदेव सिंह के छठवीं पुण्‍यतिथि पर दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि

माता-पिता का करें सेवा-सत्‍कार-न्‍यायमूर्ति शमीम अहमद

28 दिसम्बर को आयोजित कार्यक्रम में जात धर्म मजहब एवं पार्टी से उपर उठकर लोग उमड़ते हैं

गाजीपुर जनपद के सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के प्रांगण में गुरूवार को संस्थाओं के संस्थापक, दूरद्रष्टा, समाज को शिक्षा से आलोकित करने वाले कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी का छठवां पुण्यतिथि जोर शोर से मनाया गया। पुण्यतिथि के एक दिन पूर्व राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन रखा गया था जिसका विषय था “राष्ट्रीय चिति के सृजन में लोक संस्कृति की प्रासंगिकता” विषय पर अनेक विद्वानो ने अपने विचार को व्यक्त किया । उसी क्रम में इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन भी था।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व चेयरमैन यूजीसी एवं शिक्षा सलाहकार उत्तर प्रदेश सरकार आदरणीय प्रोफेसर डी.पी. सिंह थे ।

 

 

विशिष्ट अतिथि के रूप में लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति शमीम अहमद की गरिमामय उपस्थिति रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय जमुहार रोहतास के कुलपति गोपाल नारायण सिंह थे । मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रोफेसर एस.के. जैन, जननायक चंद्रशेखर विश्व विद्यालय बलिया के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्त, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी से प्रोफेसर रघुवीर सिंह तोमर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी से प्रोफेसर चतुर्भुज नाथ तिवारी, निदेशक दांतो पंत ठेगड़ी शोध संस्थान भोपाल डॉक्टर मुकेश कुमार मिश्रा, डीन डॉक्टर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली प्रोफेसर सत्य केतु ,संस्कृत विभाग अध्यक्ष हिंदी विश्व भारती शांति निकेतन डॉक्टर सुभाष चंद्र रॉय,

 

पूर्व कुलपति गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर प्रोफेसर लल्लन जी सिंह ,पूर्व कुलपति भोज विश्वविद्यालय भोपाल मध्य प्रदेश कमलाकर सिंह, पूर्व कुलपति जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया प्रोफेसर योगेंद्र सिंह, कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी, की गरिमामय उपस्थिति रही। मंच पर पूज्य महाराज श्री भवानी नंदन यति जी महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा एवं पीठाधीश्वर हथियाराम तथा पूज्य श्री योगी आनंद जी संस्थापक गीता गुरुकुल फाउंडेशन मिशीगन अमेरिका के सानिध्य में कार्यक्रम का क्रियान्वयन होता रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं विशिष्टअतिथिगण के द्वारा माता सरस्वती, स्वामी विवेकानंद एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पर्जन कर साथ ही कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।

 

तत्पश्चात वैदिक परंपरा का पालन करते हुए सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल के छोटे विद्यार्थियों द्वारा रामचरितमानस से शिव विवाह की चौपाइयों को बहुत ही सुंदर लय में प्रस्तुत किया गया । सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज के मुख्य प्रबंध निदेशक प्रोफेसर आनंद सिंह ने सभी अतिथि गणों तथा अति विशिष्ट अतिथि गणों का विस्तार से परिचय देते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने उपरोक्त संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा किसी राष्ट्र की मूल ‘चेतना’ ही है भारतीय संस्कृति के भीतर जो मूल है वह राष्ट्रीय चेतना है। परमात्मा ही परम चेतना है जो राष्ट्र के कण-कण में विद्यमान होता है ।भारत की चेतना लोक संस्कृति, लोक भाषा,लोक भोजन, संपूर्ण लोक को धारण किया हुआ है। भारत की मूल चेतना धर्म है। कार्यक्रम के मध्य में भाजपा के सांसद नीरज शेखर बलिया, भाजपा के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, आयुष मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार दया शंकर मिश्र दयालु, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुनील सिंह मंच पर उपस्थित हुए। कार्यक्रम का आरंभ सनातनी शिष्यों द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत कर किया गया तत्पश्चात सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के संरक्षक प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने सबका स्वागत एवं गरिमामय उपस्थिती के लिए धन्यवाद दिया।

 

मंच पर ऐसे विद्वान एवं प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति और उनके मुखारविंद से अनवरत ज्ञान का प्रवाह ऐसा लग रहा था मानो अमूल्य ज्ञान और मौलिक विचारधारा का सैलाब अनवरत प्रवाहित हो रहा हो । अपने भाषण में प्रोफेसर मुकेश मिश्रा ने कहा की लोक धर्मशास्त्र या धर्म ग्रंथो को प्रमाणित करने का माध्यम है यह कार्यक्रम सनातन के नदी में स्नान करने का दुर्लभ अवसर है । प्रोफेसर सत्य केतु पांडे ने अभिभूत होकर कहा की सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज का प्रबंधन ,मुख्य रूप से स्वर्गीय सत्यदेव सिंह जी की पत्नी सावित्री सिंह जी और उनके पुत्र प्रोफेसर आनंद सिंह और प्रोफेसर सानंद सिंह जो लोक संस्कृति को उजागर कर रहे हैं।यह राष्ट्र चेतना की अहम कड़ी है और इसका जीता जागता यह कार्यक्रम उदाहरण है। न्यायमूर्ति शमीम अहमद लखनऊ खंडपीठ ने राष्ट्र चित के निर्माण में लोक संस्कृति की प्रासंगिकता पर बोलते हुए अपने वक्तव्य को शेर प्रस्तुत कर प्रारंभ किया। उन्होंने कहा ‘खुद को आफते जमाना से बचाए रखिए ,वक्त का सभी को किरदार बनाए रखिए ‘ उन्होंने आगे कहा की मां-बाप को हमेशा उच्च स्थान पर बैठाना चाहिए क्योंकि हम सब उन्हीं की संताने हैं और उन्हीं से हमारा यह सुखमय जीवन है ।मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर डी पी सिंह ने कहा कि कर्मवीर पूज्य सत्यदेव सिंह जी की आत्मा बहुत खुश होगी क्योंकि उन्होंने जो शिक्षा का लौ जलाया वह लौ आज पूरे गाजीपुर जनपद को आलोकित कर रहा है। राष्ट्रीय चेतना सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के प्रांगण में साक्षात दिखाई दे रहा है। प्रोफेसर सुरेश जैन ने कहा कि जैसे भगवान राम की तुलना भगवान राम से ही की जा सकती है उसी तरह कर्मवीर सत्यदेव सिंह की तुलना उनके कर्म और उनकी चेतना से ही की जा सकती है।अन्यथा दूसरा कोई उपमा नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर गोपाल नारायण सिंह जी ने कहा कि संस्कार और संस्कृति बोलने से नहीं बल्कि मनन करने से आती है। राम को राम बनाने वाले राम नहीं थे विश्वामित्र थे। इस तरह आज के वर्तमान परिवेश में छात्र छात्रों में संस्कृत और अनुशासन का सृजन करने के लिए गुरुजनों का उत्तरदायित्व है।गुरु शास्त्र और शस्त्र दोनों की शिक्षा देता है ।मंच पर संत समाज से एवं आध्यात्मिकता को अपने अंदर गहराई से समेटे हुए बाबा बालक नाथ ने उपदेश दिया कि हमारी संस्कृति हमें आगे ले जाती है और पाश्चात्य संस्कृति पीछे की ओर ले जाती है ।शिक्षा में रामायण और गीता का अध्याय भी पढ़ाया जाना अति आवश्यक है । तत्पश्चात जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर योगेंद्र सिंह जी ने भी उक्त राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय राष्ट्रचित के सृजन में लोक संस्कृति की प्रासंगिकता पर भाषण देते हुए कहा की लोक संस्कृति या लोक साहित्य राष्ट्र की चेतना में आवश्यक होनी चाहिए। उन्होंने तुलसी कृत रामचरितमानस की चौपाई प्रस्तुत करते हुए कहा की धर्म न दूजा सत्य समाना ,वेद पुराण निगम सब जाना ठीक उसी प्रकार कर्मवीर सत्यदेव सिंह जी सत्य है प्रोफेसर आनंद सिंह और प्रोफेसर सानंद सिंह दोनों राम की भूमिका में है जो लोक संस्कृति के पक्षधर हैं और राष्ट्र चेतना में अहम भूमिका निभा रहे हैं ।

 

जननायक विश्वविद्यालय बलिया के उप कुलपति संजीत कुमार गुप्त ने बताया कि आज के परिवेश में संस्कृति हमारा स्वभाव ,हमारा सांस्कृतिक मूल्य ,हम भूल गए हैं इसलिए हम पिछड भी गए हैं। राष्ट्रीय चेतना शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के द्वारा किया गया था जो आज हम सब मिलकर इसको धारण करने के लिए तैयार हैं। कार्यक्रम के अगली कड़ी में गाजीपुर जनपद के शहीद परिवारों को सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ आनंद सिंह तथा प्रबंध निदेशक डॉ सानंद सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। शहीदों के सम्मान में पीठाधीश्वर महाराज भवानी नंदन यति जी ने ₹100000 की सहयोग राशि भी प्रदान किया। मंच पर उपस्थित भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने शहीद परिवारों को आश्वासन दिया कि उनका जो भी कार्य होगा उसको करने के लिए वह अपनी भरपूर ताकत लगा देंगे ।

इस क्रम में वनवासी बच्चों को भी आदरणीय महाराज जी ने ₹50000 का सहयोग दिए साथ ही सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस की तरफ से भी उनको मंच पर वस्त्र देकर एवं पाठ्य सामग्री देकर सम्मानित किया गया।अंत में जनपद गाजीपुर एवं आसपास के गरीब बस्तियों से लोगों को आमंत्रित किया गया था जिनको मंच पर सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेस प्रबंधन परिवार की तरफ से कंबल वितरित कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में आयुष मंत्री दया शंकर मिश्रा दयालु ने गाजीपुर जिले में एक बड़ा अस्पताल स्थापित करने का आश्वासन दिया।राज्य सभा सांसद नीरज शेखर ने सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज से पारिवारिक लगाव रखते हुए उन्होंने इस सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेज की पावन धरती को नमन किया ।सबसे अंत में मंच पर उपस्थित संतो के शिरोमणि पीठाधीश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज एवं पूज्य योगी आनंद जी का अभिभूत कर देने वाला आशीर्वचन प्राप्त हुआ जो देशभक्ती भावना से ओत प्रोत था।

 


संजय निषाद मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार भी कार्यक्रम में पहुंच कर कर्मवीर सत्यदेव सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किये।
कार्यक्रम में मशहूर गायक बंटी वर्मा ने अपने गायन से चार चांद लगाने का काम किया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को अंगवस्त्रम् एवं नव वर्ष की डायरी एवं कैलेंडर भेंट किया गया।सभी के लिए जलपान एवं भोजन की बहुत ही सुंदर ब्यवस्था की गई थी।

 

इस भव्य कार्यक्रम में संस्थान परिवार से संरक्षिका श्रीमती सावित्री देवी, डॉक्टर सुमन सिंह, डॉक्टर प्रीति सिंह, दिग्विजय उपाध्याय काउंसलर, अमित रघुवंशी, डॉ रामचंद्र दुबे प्राचार्य ,डॉक्टर तेज प्रताप सिंह, डॉ वीरेंद्र सिंह ,प्रमोद सिंह निदेशक, डाक्टर बिजेन्द्र सिंह प्राचार्य,सुनील यादव, अजीत यादव, चंद्रसेन तिवारी प्रिंसिपल सत्यदेव इंटरनेशनल स्कूल, राजकुमार त्यागी, आवेश कुमार विवेक सौरभ,प्रमुख समाजसेवी अरविन्द राय, डाक्टर राकेश राय प्रबंध निदेशक जय बजरंग ग्रुप आफ कालेजेज, आनंद सिंह प्रबंध निदेशक आई डी मेमोरियल ग्रुप आफ कालेजेज, डाक्टर अशोक सिंह, यशवन्त सिंह, आशुतोष राय,अवनीश राय, आनंद कुमार त्रिपाठी, प्रमोद राय, शशांक शेखर राय, बिनोद राय गुड्डू,अनिल राय, जितेन्द्र राय,मनिन्दर सिंह बग्गा,विपिन बिहारी राय, डाक्टर दिनेश सिंह, प्रोफेसर रामबदन राय, डाक्टर व्यास मुनि राय,राम जी गिरी,रविदेव गिरी, हिमांशु राय,प्रसून सिंह, देवेन्द्र सिंह देवा, टुनटुन सिंह,क‌ष्णानन्द राय, श्याम राज तिवारी, सम्पूर्णानंद उपाध्याय,राजू सिंह,श्री प्रकाश राय, जनार्दन राय, विश्राम यादव तथा जनपद के कोने-कोने से आए प्रबुद्ध जन, पत्रकार, शुभचिंतक एवं भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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