June 20, 2025

सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

‘साहित्य चेतना समाज’ के तत्वावधान में संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी के गाजीपुर के ‘स्वामी विवेकानन्द काॅलोनी’ स्थित आवास पर संस्था की आज़मगढ़ इकाई की संयोजिका डॉ.प्रतिभा सिंह के आगमन पर एक सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ नगर के वरिष्ठ कवि कामेश्वर द्विवेदी की वाणी-वंदना से हुआ। युवा शायर गोपाल गौरव ने अपनी ग़ज़ल “कोई पूछे ज़रा यह क्या दिवान लेके आया है/ओ अपने साथ अश्कों का ख़ज़ाना लेके आया है” सुना कर खूब वाहवाही लूटी। इसी क्रम में आशुतोष श्रीवास्तव ने अपनी व्यंग्य- कविता ‘मैं वरिष्ठ समाजसेवी’ सुना कर सोचने पर मजबूर किया। युवा नवगीतकार डाॅ.अक्षय पाण्डेय ने देश की वर्तमान राजनीति दशा-दिशा को केंद्र में रखते हुए अपना नवगीत “हाथ में तलवार फिर पकड़ा गई हमको/यह सियासत कहाॅं लेकर आ गई हमको” सुना कर श्रोताओं को तालियाॅं बजाने के लिए विवश किया। संस्था के संस्थापक एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार अमरनाथ तिवारी ने अपनी चर्चित व्यंग्य-कविता ‘जाऊॅं विदेश तो किस देश’ की पंक्तियां “यहीं करूॅंगा राजनीति का करोबार/देश में अपने अच्छा चलेगा यह व्यापार” खूब प्रशंसित हुईं। नगर के वरिष्ठ महाकाव्यकार कामेश्वर द्विवेदी ने सामाजिक विसंगतियों को ध्यान में रखते हुए “अधरों पे अमृत व गरल हृदय में है/हो गया है कठिन पहचान पाना आदमी” सुना कर खूब प्रशंसा पायी। इसी क्रम में युवा कवयित्री डॉ.प्रतिभा सिंह ने नारीविमर्श पर आधारित ‘पंचकंन्या’ काव्यकृति से ‘अहल्या’ कविता “सुनो राम!/जो काम और क्रोध को न जीत सके/वो संत कैसा” सुना कर नारियों की वर्तमान दशा के लिए उत्तरदाई तत्वों पर सोचने पर बाध्य किया। देश के विख्यात मंच संचालक, ‘गाजीपुर-गौरव’ हरिनारायण सिंह ‘हरीश’ ने अपने चिर-परिचित अंदाज में “बदलते मौसमों पर तुम ज़रा अपनी नज़र रखना/चमन में खिल रहे हैं फूल या काॅंटे ख़बर रखना” ग़ज़ल पढ़ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अन्त में भोजपुरी के वरिष्ठ कवि अनन्तदेव पाण्डेय ‘अनन्त’ ने श्रोताओं की मांग पर अपनी चर्चित कविता,’गॅंउवों गाॅंव बुझते नइखे’ सुना कर खूब वाहवाही अर्जित की।इस सरस काव्यगोष्ठी में श्रोता के रूप में अंकुर,अंकित, आशुतोष पाण्डेय, संगीता तिवारी, राकेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। इस कवि-गोष्ठी की अध्यक्षता श्री अनन्तदेव पाण्डेय ‘अनन्त’ने एवं संचालन डॉ.अक्षय पाण्डेय ने किया। संस्था के संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने आगंतुक कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

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