” 22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष “

” 22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष “

” आइए , पृथ्वी को कचरे से बचाएं ”

आज पूरी दुनिया विश्व पृथ्वी दिवस मना रही है। ऐसे में लगातार कई वर्षों से गंगा के दोनों छोरों से हजारों किलो कचरा डिस्पोज करने वाली नमामि गंगे संस्था ने लोगों से धरती को कचरे से बचाने का आह्वान किया है।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पूरी दुनिया 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाती है। पृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है जिसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जु़ड़े अन्य कारक भी हैं। धरती को बचाने का आशय है इसकी रक्षा के लिए पहल करना, लेकिन इसके लिए किसी एक दिन को ही माध्यम बनाया जाए, क्या यह उचित है? हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ न कुछ उपाय करते रहना चाहिए।

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है। सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते। कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए। सभी को इसमें कुछ न कुछ आहुति देना पड़ेगी तभी बात बनेगी ।

पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें.. क्योंकि जितनी ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी का कचरा कम होगा। विश्व पृथ्वी दिवस 2023 की थीम “इन्वेस्ट इन आवर प्लांट (Invest in our planet), मतलब ‘हमारे ग्रह में निवेश करें’ है। इसमें मुख्य बिंदु है पर्यावरण संरक्षण के लिए मौजूदा चुनौतियों को जान कर उन्हें खत्म करने के उपायों पर विचार-विमर्श करना ।

नमामि गंगे ( गंगा विचार मंच) के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि कुछ बातें अपनाकर आप भी पृथ्वी बचाने के लिए अपना योगदान दें ‌!

कचरा न फैलाएं :
हर साल दुनियाभर में बेशुमार कचरा पैदा होता है। प्लास्टिक को ही ले लीजिए इससे बनी चीजों को विघटित होने पर 450 साल से भी ज्यादा वक्त लग जाता है। तो इसकी जगह आप ऐसी चीजें खरीदें जिसमें प्लास्टिक का यूज न हुआ हो।

अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और संरक्षण भी करें :
अधिक प्रदूषण और अधिक मात्रा में पेड़ों की कटाई के कारण दिनों-दिन पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है, जिससे कि आने वाले समय में सांस लेना भी दूभर हो जाएगा। इसलिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाएं।

कम बिजली का करें इस्तेमाल :
दिन में जरूरत न हो तो लाइट का इस्तेमाल न करें। इससे बिजली उत्पादन में बहुत ही कम प्राकृतिक संसाधन खर्च होगा।

बेकार में पानी न बहाएं :
जरूरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करें। ज्यादा पानी बहाना आने वाले समय में आपको पानी से मोहताज कर सकता है ।

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