भारतीय इतिहास में जब-जब ज्ञान, कर्म और सेवा-भाव की चर्चा की जाएगी, इन दोनों महापुरुषों का नाम सबसे पहले आएगा-सानंद सिंह
गांधी और शास्त्री ने अपने ज्ञान, कर्म और सेवा भाव से विश्व इतिहास में पाई अमरता- सानंद सिंह

विकास राय-राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस के अवसर पर जनपद के अग्रणीय शिक्षण संस्थान सत्यदेव ग्रुप्स आफ कालेजेज के सत्यदेव डिग्री कॉलेज गाधिपुरम (बोरसिया) फदनपुर,गाजीपुर में एक संक्षिप्त गोष्ठी का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक डॉ.सानंद सिंह की उपस्थिति में कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार सिंह ने ध्वजारोहण किया । तत्पश्चात डॉक्टर सानंद सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी तथा लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन किया । डॉ सानंद सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि–” विश्व पटल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी की छवि जो एक विराट व्यक्तित्व के रूप में अंकित है, इसी का प्रभाव है कि जब शांति और अहिंसा की चर्चा होती है, समूचा विश्व भारत की तरफ टकटकी लगाए आशा की दृष्टि से देखता है ।” आगे उन्होंने कहा,”भारतीय राजनीति में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में यह विदित है की दोनों महापुरुषों (राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी और लाल बहादुर शास्त्री) ने अपने ज्ञान, कर्म और त्याग के बल पर यह चरितार्थ किया कि कोई भी व्यक्ति जिसके अंदर अटूट आत्मविश्वास, सत्य, अहिंसा और कर्तव्य की सत्यता जिंदा है, तो वह पूरी ईमानदारी से अपने जीवन को सार्थक करता हुआ, कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़कर ऐसे ही विश्व पटल पर छा जाता है ।” उन्होंने आगे चर्चा करते हुए कहा कि, “किसी भी व्यक्ति के अंदर अगर सेवा-भाव और राष्ट्रप्रेम है तो उसे उच्च राजनीतिक पदों पर पहुंँचने के लिए भी अर्थ कोई समस्या नहीं है । विश्व के महान विचारकों ने, राजनीतिज्ञों ने अपने ज्ञान, कर्म और सेवा-भाव से ही विश्व के महापुरुषों की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराया है, और विश्व इतिहास में अमरता पाई है ।

भारतीय इतिहास में जब-जब ज्ञान, कर्म और सेवा-भाव की चर्चा की जाएगी, इन दोनों महापुरुषों का नाम सबसे पहले आएगा । आज जब पूरा विश्व एक भय और आतंक के साए में डरा सहमा हुआ दिख रहा है, तो महात्मा गांँधी और उनके जीवन के सूत्र सत्य, अहिंसा और सेवा भाव की महत्ता और बढ़ जाती है । भारतीय मनीषियों ने जहांँ सबको गले लगा कर विश्व बंधुत्व का संदेश दिया है, वही सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ा कर बापू ने पूरे विश्व को जगत कल्याण की भावना के साथ जीने का मार्ग प्रशस्त किया है । आईए हम सब आज के दिन यह प्रण लें कि न केवल सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के समस्त पदाधिकारी, कर्मचारी बल्कि इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े समस्त लोग जनकल्याण की भावना से निहित होकर कार्य करें और समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश जन-जन तक पहुंँचाएंँ ।” सत्यदेव डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार सिंह ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांँधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन कि कुछ आदर्शों को दोहराते हुए कहा कि, “देश के ऐसे महापुरुषों के जीवन चरित् जीवन में उतारने के लिए होते हैं, रोज की दिनचर्या और जीवन का हिस्सा बनाने के लिए होते हैं । हम ऐसे ही महापुरुषों के पद चिन्हों पर चलते हुए देश की एकता ,अखंडता और विश्व बंधुता को बचाए रख सकते हैं..।” इस अवसर पर सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के काउंसलर डॉ दिग्विजय उपाध्याय, सत्यदेव डिग्री कॉलेज के निदेशक अमित सिंह रघुवंशी, श्याम कुमार, सर्वेश कुमार सिंह, अमित कुमार वर्मा, कमलेश कुमार, शाहिदा परवीन, डॉक्टर के पी सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।