जन्मदिन और शादी सालगिरह श्रीरामचरितमानस के चौपाइयों के साथ मनाए, जीवन आनंदमय हो जाएगा : आचार्य नरहरि दास

गुरुदेव के उपदेशों का पालन करना ही गुरुभक्ति – श्री राम चरित्र दास जी महाराज
बक्सर | श्री सद्गुरुदेव पुण्यस्मृति महामहोत्सव कमरपुर के हनुमत धाम मंदिर में मामा जी के भंडारा के साथ संपन्न हुआ। अंतिम दिन सीता राम विवाह प्रसंग का कथा हुआ। इस दौरान महाराज जी द्वारा रचित परंपरागत मंगल गीत व गालियां गाकर बराती निहाल हो उठे। वहीं, मिथिला की पारंपरिक मंगल गाली को सुनकर बाराती तथा संत व विद्वान भी भाव विभोर हो गए। इसके पूर्व सुबह में अखंड हरि कीर्तन और भक्तमाल का सामुहिक पाठ हुआ।
अयोध्या धाम से पधारे संत अनन्त श्री विभूषित श्री नरहरि दास जी महाराज ने कथा के दौरान सीताराम विवाह की सम्पूर्ण कथा सुनाई। पूज्य मामा जी महाराज रचित एक एक पदों को गाकर भक्तों को झूमा दिए। कथा के दौरान उन्होंने ने कहा कि अपने जन्मदिन पर राम जन्म की दोहा चौपाइयां और शादी सालगिरह पर भगवान की विवाह गीत दोहा चौपाई गाकर मनाए इससे आपका गिरहस्थ जीवन आनंदमय हो जाएगा। इसके बाद मंगल गीत, द्वार पूजन, जनवासे प्रसंग, धान कुटाई, कन्या निरीक्षण, कन्यादान, सिंदूर दान, चुमावन आदि प्रसंगों को एक एक पदों से सम्पूर्ण विवाह की कथा सुनाया। कथा विश्राम के पूर्व मामा जी महाराज के प्रथम शिष्य श्री राम चरित्र दास जी महाराज ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहे कि गुरुदेव भगवान के पदों नाटक गीतों का गायन करना गुरुदेव भगवान की सेवा करने के सम्मान है। गुरुदेव के उपदेशों का पालन करना ही गुरुभक्ति है। पूरे मन से अगर गुरु की सेवा की जाए तो भगवान की सेवा अपने आप हो जाती है। गुरु के उपदेशों को आत्मसात करने मात्र से ही गुरु पूजन का फल प्राप्त हो जाता है। मंच पर मैरीपीठाधीश्वर श्री राघवानंदचार्य जी महाराज, सिया दीदी उपस्थित रही।
कार्यक्रम में कुंदन, रविलाल, नमोनारायण, मनीष, प्रिंस, सतीश, नीतीश, अनीश, मनोरंजन,प्रियांशु, रामकृपाल, श्याम प्रकाश, राजऋषि, रामबचन, श्रीमन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।