आज से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र, पेश किया जाएगा आर्थिक सर्वेक्षण 2023

आज से शुरू हो रहा है संसद का बजट सत्र, पेश किया जाएगा आर्थिक सर्वेक्षण 2023
आज से संसद का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. बजट सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है, क्योंकि विपक्ष कई मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें अडानी समूह के स्टॉक और 2002 के गुजरात दंगों पर विवादास्पद बीबीसी वृत्तचित्र शामिल हैं.
सत्र की शुरुआत संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त संबोधन के साथ होगी, जिसके बाद केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण की तालिका पेश की जाएगी.
बजट सत्र और आर्थिक सर्वेक्षण पर 10 खास बातें
सत्र के दौरान, सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रपति के अभिभाषण और वित्त विधेयक के धन्यवाद प्रस्ताव पर अनुमोदन प्राप्त करना होगा, जबकि विपक्ष अडानी-हिंडनबर्ग विवाद जैसे राष्ट्रव्यापी जाति-आधारित मुद्दों, आर्थिक जनगणना और महिला आरक्षण विधेयक पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है.
आर्थिक सर्वेक्षण मंगलवार को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पेश किया जाएगा.
सीतारमण 1 फरवरी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करेंगी.
सत्र के दौरान सरकार की बजटीय अभ्यास से संबंधित चार समेत लगभग 36 विधेयक लाने की योजना है.
सत्र में 27 बैठकें होंगी और बजट पत्रों की जांच के लिए एक महीने के अवकाश के साथ 6 अप्रैल तक चलेगा. सत्र का पहला भाग 14 फरवरी को समाप्त होगा. बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए संसद 12 मार्च को फिर से शुरू होगी.
सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक की जिसमें विपक्षी दलों ने अपनी चिंता के मुद्दे उठाए. विपक्षी नेताओं ने अडानी स्टॉक, बीबीसी वृत्तचित्र प्रतिबंध और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा कथित हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को उठाया. इस मुद्दे को उठाने वाले दलों में राजद, माकपा, भाकपा, आप और नेशनल कांफ्रेंस शामिल थे.
बीआरएस ने राष्ट्रपति मुर्मू के पारंपरिक संबोधन का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
भारत अगले वित्तीय वर्ष में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा, आधिकारिक विकास अनुमान 9 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में ब्योरा देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जब सीतारमण इसे सदन में पेश करेंगी. आर्थिक सर्वेक्षण सरकार की समीक्षा है कि पिछले एक साल में अर्थव्यवस्था कैसी रही.
6.8% की वृद्धि भी भारत को 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में अनुमानित 7 प्रतिशत की गति से कम होने के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में रख सकती है. यह पिछले वर्ष में मुख्य रूप से महामारी संबंधी विकृतियों के कारण 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी है.