” नमामि गंगे ने केदार घाट पर जगाई स्वच्छता की अलख “

” नमामि गंगे ने केदार घाट पर जगाई स्वच्छता की अलख “
” गंगा स्वयं में एक संस्कार हैं इसे मैला न करें “
“सफाई का प्रयास ही गंगा की वास्तविक पूजा है”
गंदगी मुक्त गंगा तट के लिए सोमवार को नमामि गंगे द्वारा केदार घाट पर जागरूकता अभियान चलाया गया । इसके तहत ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से गंगा तट पर गंदगी न करने के लिए सभी से आग्रह किया गया। जल बचाओ, जीवन बचाओ का संदेश देकर गंगा किनारे की सफाई की गई ।
गंगा को प्रदूषित कर रही अनेकों सामग्रियों को बटोर कर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया । पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे भगवान शिव शंकर गौरी केदारेश्वर की आरती उतारी गई। प्रकृति में संतुलन स्थापित करने के लिए आवाह्न करने वाले भगवान गौरी केदारेश्वर का दुग्धाभिषेक किया गया।अभियान का नेतृत्व कर रहे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि मां गंगा सहित अन्य गंगा की सहायक नदियों में लोग अपने घर की बासी पूजा सामग्री, साड़ियां / कपड़े, ईश्वर की पुरानी तस्वीर भी डाल देते हैं। यह गंगा की पूजा है या उस पर अत्याचार ? वस्तुतः नदी की पूजा का अर्थ केवल घंटा बजाना नहीं, वरन उसकी सफाई है ।
यह प्रयास ही नदी की वास्तविक पूजा है लोगों को गंगा में गंदगी न करने के लिए जागरूक करते हुए कहा कि गंगा भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड व सनातनी अध्यात्म का सार हैं हमें गंगा को सहेजना होगा । गंगा स्वयं में एक संस्कार हैं इसे मैला न करें । 50 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका केवल गंगा के जल पर निर्भर है । 25 करोड़ लोग तो पूर्ण रूप से गंगाजल पर आश्रित हैं । गंगा आस्था ही नहीं आजीविका और केवल जल का ही नहीं, बल्कि जीवन का भी स्रोत है ।
हमारे लिए गंगा नदी की तरह नहीं, बल्कि एक जागृत स्वरूप हैं । आइए , मां गंगा के आंचल को कचरे से बचाएं । गंगा का संरक्षण करें । आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, प्रीति जायसवाल, शशांक पांडेय, सत्यम आदि शामिल रहे ।