सत्यदेव डिग्री कालेज में मनाया गया शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस के अवसर पर सत्यदेव डिग्री कॉलेज गाधिपुरम (बोरसिया) फदनपुर, गाजीपुर में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया ।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्पार्चन करने के पश्चात एक संक्षिप्त सी गोष्ठी में बोलते हुए “सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज”के प्रबंध निदेशक डॉ सानंद कुमार सिंह ने इनके जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए बताया कि–
” डॉ॰ राधाकृष्णन का जन्म तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम के एक तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में 5 सितम्बर 1888 ई. को हुआ था। तिरुत्तनी ग्राम चेन्नई से लगभग 64 कि॰ मी॰ की दूरी पर स्थित है और १९६० तक आंध्र प्रदेश में था और वर्तमान में तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में पड़ता है। उनका जन्म स्थान भी एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विख्यात रहा है। राधाकृष्णन के पुरखे पहले कभी ‘सर्वेपल्ली’ नामक ग्राम में रहते थे और 18वीं शताब्दी के मध्य में उन्होंने तिरूतनी ग्राम की ओर निष्क्रमण किया था।” आगे बोलते हुए डॉक्टर सानंद सिंह ने कहा–
“शिक्षक समाज के ऐसे शिल्पकार होते हैं जो बिना किसी मोह के इस समाज को तराशते हैं। शिक्षक का कार्य सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सामाजिक परिस्थितियों से छात्रों को परिचित कराना भी होता है।

शिक्षकों की इसी महत्ता को सही स्थान दिलाने के लिए ही हमारे देश में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पुरजोर कोशिशें की, जो खुद एक बेहतरीन शिक्षक थे, जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक से शिक्षक जीवन प्रारंभ करके उच्च शिक्षा में दर्शन के एक प्रकांड विद्वान के रूप में खुद को स्थापित किए । देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन होते हुए भी उन्होंने एक शिक्षक के सम्मान के लिएआजीवन प्रयास किया और शिक्षक को वह सम्मान दिलाया जिससे आज “शिक्षक दिवस” के रूप में समस्त शिक्षक सम्मानित होते हैं।”
सत्यदेव डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार सिंह जी ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि–“एक शिक्षक अपने कर्तव्य पथ पर चलता हुआ जीवन की तपती पगडंडियों पर यात्रा करता हुआ समाज के उस शीर्षस्थ स्थान को प्राप्त कर सकता है जो हर किसी के लिए दुर्लभ है । इन्होंने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उदाहरण देते हुए कहा कि एक शिक्षक जीवन जीते हुए उन्होंने न केवल भारत का प्रथम नागरिक बनने का गौरव प्राप्त किया बल्कि दुनिया के समस्त शिक्षकों के लिए एक उदाहरण भी बने..। जैसा कि सब लोग जानते हैं की उच्च राजनीतिक पदों पर होते हुए भी डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन व्यवहार से आजीवन एक शिक्षक ही रहे..।


डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने सत्यदेव डिग्री कॉलेज के शिक्षा संकाय से अध्ययन करके निकले हुए उन समस्त भावी शिक्षकों को एक संदेश भी दिया की आप चाहे जहांँ रहें, चाहे जिस संस्था में एक शिक्षक जीवन का निर्वाह करें लेकिन आपके आदर्शो के मानक कसौटियों पर खरे उतरें जिसका सत्यदेव डिग्री कॉलेज में अध्ययन करते हुए आपने अनुपालन किया । आगे उन्होंने कहा कि–“अगर शिक्षक समाज को गढ़ता है तो इस कड़ी में सत्यदेव डिग्री कॉलेज का भी कहीं ना कहीं समाज में एक बड़ा योगदान है, क्योंकि जब से यहांँ
शिक्षा संकाय संचालित है न जाने कितने शिक्षक समाज में जाकर अपने शिक्षक जीवन का अनुपालन कर रहे हैं और समाज को एक दिशा देने का प्रयत्न कर रहे हैं ।”
इस शुभ अवसर पर सत्यदेव डिग्री कॉलेज के निदेशक श्री अमित कुमार रघुवंशी ने समस्त शिक्षकों को शुभकामनाएंँ दीं..।
इस अवसर पर सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के काउंसलर डॉक्टर दिग्विजय उपाध्याय, मनोज यादव, चुनमुन राजभर, श्याम कुमार, दिनेश सिंह, मोती वर्मा, सर्वेश कुमार सिंह, कृष्णा उपाध्याय, अनुज नारायण सिंह, श्याम भज तिवारी इत्यादि उपस्थित रहे..।

About Post Author