धर्म की रक्षा के लिए अपने परिवार का बलिदान कर देने वाले सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती आज, गुरुद्वारों में कीर्तन,लंगर का आयोजन

धर्म की रक्षा के लिए अपने परिवार का बलिदान कर देने वाले सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती आज, गुरुद्वारों में कीर्तन,लंगर का आयोजन
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 29 दिसंबर को मनाई जा रही है। ये सिखों के दसवें गुरु थे। इनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। पंचांग अनुसार इनका जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था।
नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंहजी (Guru Govind Singh Jayanti 2022) की जयंती मनाई जाती है।
गुरु गोबिंद सिंह ने सिर्फ एक महान योद्धा बल्कि कवि, आध्यात्मिक गुरु और सफल रणनीतिकार भी थे। हर साल सिख धर्म के अनुयायी उनका जन्म दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है। कीर्तन का आयोजन किया जाता है लंगर लगाया जाता है।
गुरु गोबिंद सिंह ने समाप्त किया अपने बाद गुरु परंपरा
गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी और सिक्खों के लिए पांच ककार यानी केश, कंगन, कृपाण, कंघा और कच्छा अनिवार्य कर दिया था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों में अपने बाद गुरु परंपरा को समाप्त कर दिया और गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी गुरु घोषित कर दिया। यह गुरु गोबिंद सिंह थे जिन्होंने खालसा भाषण “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह” का नारा दिया था।