ग्लोबल दुनिया की चमक से क्यों दूर रहे बनारस की महिलाये – डॉ० अजय कुमार

ग्लोबल दुनिया की चमक से क्यों दूर रहे बनारस की महिलाये – डॉ० अजय कुमार
बनारस की महिलाओं का हुनर दुनिया देखे
ग्रामीण महिलाएं अपने हुनर से धरोहर को बचाने में सक्षम है
ग्रामीण महिलाओं के द्वारा बनाये गए उत्पादों का अवलोकन एवं अपने हुनर से सक्सेज हुई महिलाओं का सम्मान कार्यक्रम
वाराणसी – प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र में काशी के ग्रामीण महिलाओं एवं हस्तशिल्पियों के बेहतर जीवन शैली एवं उनके द्वारा बनाये उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सहयोग से एवं महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोग कार्यक्रम के अंतर्गत बसनी स्थित साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट में ग्रामीण महिलायें व् बेटिया प्रधानमन्त्री के डिजिटल भारत के सपनों को न सिर्फ मूर्त रूप देने में जुटी हुई बल्कि वो अपने हुनर से गाँवो के धरोहर को बचाती हुई ट्रेडिशनल आर्ट एवं क्राफ्ट का प्रशिक्षण लेकर खुद हौसलों का उडान भर रही है |
आज इसी कड़ी में आज साईं इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित “ग्रामीण महिलाओ के द्वारा बनाये गए उत्पादों का अवलोकन एवं अपने हुनर से सक्सेज हुई महिलाओं का सम्मान कार्यक्रम” में आज भारत सरकार के पूर्व रक्षा सचिव डॉ० अजय कुमार, आईएएस ने कहा कि आज ग्रामीण महिलाओं के द्वारा बनाये गए उत्पादों को न सिर्फ एक बाज़ार देने कि जरूरत है बल्कि उन महिलाओ के माध्यम से हमारी धरोहर को बचाने का जो कार्य साईं इंस्टिट्यूट के द्वारा किया जा रहा है | यह एक सराहनीय कार्य तो है साथ ही मंत्रालय भी साधुवाद का पात्र जो इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण इलाको में चलाया जा रहा है | आज ये महिलाये अपने हुनर से खुद को आत्मनिर्भर बना रही है | अब समय आ गया है कि बनारस की महिलाओ का हुनर दुनिया देंखे |
कार्यक्रम में यु०पी० कालेज के राजनीति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ० अलका रानी ने महिलाओ के हाथों के हुनर को देखकर न सिर्फ प्रसन्न हुई बल्कि इनके उत्पादों को बेहतर बाज़ार की जरूरत है | महिलाओ को उनके हुनर को क्राफ्ट के माध्यम सही प्रकार से प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार देने का एक भरोसेमंद संस्था का नाम साईं इंस्टिट्यूट का नाम लिया जाता है |
कार्यक्रम में नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर तुषार ने कहा कि बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए, उसे अगर सही दिशा और मार्गदर्शन मिले तो हर असंभव कार्य को भी संभव बना सकती है |
कार्यक्रम में, कमला बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या निति सिंह ने कहा कि समय बदल रहा है, महिलाये अब घर आंगन और रसोई तक सीमित नहीं है | महिलाओं का सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलना चाहिए तभी सही मायने में महिला सशक्तिकरण की जा सकती है |
कार्यक्रम में अपने हुनर के बल पर आत्मनिर्भर हो चुकी 7 महिलाओं को सम्मानित किया गया |
जिसमे समरीन फातिमा, अबुल अर्शी, आरती देवी, अंजू मौर्या, जाग्रति प्रजापति, तनु मिश्रा एवं सुषमा देवी मुख्य थी | सम्मान पा चुकी अबुल अर्शी ने कही कि पहले मै पढाई के बाद काम करके अपने वालिद के काम में हाथ बटाना चाह रही थी तथा तलाश कर रही थी लेकिन यहाँ से सीखने के बाद मुझे मेरे हौसले को मानो पर लग गई| कार्यक्रम में ही संस्थान के प्रति समर्पित संस्था के अध्यक्ष को डॉ० अजय कुमार जी अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित भी किया गया |
संस्थान की तरफ से मुख्य अतिथि का स्वागत संस्थान के निदेशक अजय सिंह के द्वारा स्मृति चिन्ह और लडकियों के हाथो बने अंग वस्त्र को देकर के सम्मानित किया गया | कार्यक्रम में हुनर ए बनारस के हर्ष कुमार सिंह, अनुपमा दुबे, राजेश कुमार आर्या फाउंडेशन के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला, आदि उपस्थित रहे |
कार्यक्रम का संचालन हुनर-ए-बनारस की एच० आर० मैनेजर मनीषा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन युवा ग्राम्य विकास समिति के अध्यक्ष जवाहर दुबे ने किया | उक्त अवसर पर स्थानीय महिलाये उपस्थित थी।