खिड़की से आई मौत: ट्रेन में शीशा तोड़कर यात्री की गर्दन में घुसी लोहे की छड़, कान और गर्दन के नीचे से हुई आरपार

खिड़की से आई मौत: ट्रेन में शीशा तोड़कर यात्री की गर्दन में घुसी लोहे की छड़, कान और गर्दन के नीचे से हुई आरपार
शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजकर 50 मिनट पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से फर्राटा भरती नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल कोच का शीशा तोड़ते हुए पटरी के किनारे पड़ी लोहे की रॉड एक यात्री की गर्दन में धंसते हुए आरपार हो गई।
हादसे में सुल्तानपुर निवासी यात्री हरिकेश दुबे (34) की मौके पर ही मौत हो गई। यात्री के बगल में दूसरी सीट पर बैठी महिला बालबाल बची। हादसे के बाद उसी कोच में खून से लथपथ शव के साथ सहमे यात्रियों ने लगभग आधे घंटे अलीगढ़ तक का सफर किया।
दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर सोमना और डाबर रेलवे स्टेशन के बीच आनंद विहार से पुरी जाने वाली नीलांचल एक्सप्रेस में अचानक हुए इस हादसे से सकते में आए यात्री चीख-पुकार मचाने लगे। किसी ने कोच में लगी खतरे की जंजीर खींच दी। इसके बाद ट्रेन में ड्यूटी कर रहा स्टाफ जब कोच में पहुंचा तो हादसे का मंजर देखकर हैरत में पड़ गया। रॉड यात्री की गर्दन में घुस कर आरपार होती हुई सीट की साइड वाल में धंस गई थी। सीट पर और आसपास खून बिखरा पड़ा था। घटना स्थल पर किसी तरह की मेडिकल सुविधा नहीं थी।
ट्रेन के स्टाफ ने कंट्रोलर एवं रेलवे अफसरों को जानकारी दी। 9 जकर 22 मिनट पर ट्रेन अलीगढ़ स्टेशन पर पहुंची। प्लेटफार्म संख्या दो पर आरपीएफ के डीएसपी एसपी सिंह, पोस्ट कमांडर राजीव वर्मा, एसएसआई अमित चौधरी, जीआरपी प्रभारी सुबोध यादव आदि आ गए। उन्होंने ट्रेन के यात्रियों से हादसे की जानकारी ली और शव को नीचे उतरवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
स्टेशन पर ट्रेन करीब एक घंटे तक खड़ी रही। कोच की साफ-सफाई के बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। रेलवे, आरपीएफ एवं जीआरपी की टीमों ने संयुक्त जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। घटना की सूचना पाकर दिल्ली में रहने वाले हरिकेश के रिश्ते के साढू पवन कुमार आ गए। उन्होंने इस मामले में रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही एवं गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रेलवे के इतिहास में अपने किस्म का पहला हादसा
हादसे के बाद अलीगढ़ में तैनात रेलवे अफसरों ने बताया कि उनकी जानकारी अपने किस्म का यह पहला हादसा है। सभी हैरत जता रहे थे कि कैसे एक लोहे की रॉड (लगभग 5 फीट, वजन 6.6 किग्रा) चलती ट्रेन में शीशा तोड़कर घुसी और यात्री के दाहिने तरफ कान और गर्दन के नीचे से निकलकर प्लाई बोर्ड को पार करते हुए दूसरे केबिन की तरफ निकल गयी।
दिल्ली में मोबाइल कंपनी में तकनीशियन पद पर तैनात थे हरिकेश दुबे
यात्री की पहचान जेब में मिले दस्तावेजों के आधार पर उनकी पहचान हरिकेश दुबे पुत्र संतराम दुबे, निवासी गोपीनाथपुर, थाना चांदा, जनपद सुल्तानपुर के रूप में हुई। वह दिल्ली में मोबाइल टॉवर से जुड़ी एक कंपनी में तकनीशियन के पद पर तैनात था। आनंद विहार स्टेशन पर ट्रेन में सवार हरिकेश लखनऊ जा रहे थे। वह जनरल कोच के दूसरे केबिन की सीट नंबर 15 पर यात्रा कर रहे थे।
प्रकरण में रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी की संयुक्त टीम गठित की गई है। जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी रेलवे कर्मियों पर कार्रवाई तय की जाएगी। – हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर-मध्य रेलवे, प्रयागराज मंडल।