June 19, 2025

आज हर किसी को स्वालंबी बनाने की जरूरत है

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकल को ग्लोबल बनाने के आह्वान पर काशी में पहल शुरू हो चुकी है। गांव की महिलाएं अब अपने पारम्परिक आर्ट और कला के माध्यम से आगे बढ़ रही है | उनके द्वारा निर्मित वस्तुएं ग्लोबल स्तर तक पहुंचेंगी | इसी क्रम में आज वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सहयोग से एवं महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोगिता कार्यक्रम के अंतर्गत बसनी स्थित साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट में “ट्रेडिशनल आर्ट एवं क्राफ्ट के माध्यम से उद्यमिता की सम्भावनाये” विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया |

कार्यशाला के मुख्य अतिथि इंडियन इंडस्ट्रीज एशोसियेशन के राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने कहा कि आज हर किसी को स्वावलंबी बनाने कि जरुरत है अपने हुनर और रूचि को पहचान कर अगर हम एक अच्छी ट्रेनिंग पा सके तो हम अपने कौशल को आगे अपने भविष्य में व्यवसाय के रूप में अपना सकते है | महिलाये यहाँ से बेहतर ट्रेनिंग से अपने हुनर को व्यवसाय का रूप दे सकती है एवं ये महिलाये आजीविका सुधारने के साथ-साथ गाँव की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करेंगी | ऐसा मुझे विश्वास है |
कार्यक्रम में इलेक्ट्रानिक्स एवं सुचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की सम्बद्ध संस्थान सीडैक, कोलकत्ता कोलकत्ता के मुख्य अन्वेषक अशित सिंह ने कहा कि महिलाओं के प्रोडक्ट को ऑनलाइन मार्केटिंग के बारे में विस्तृत चर्चा एवं उसमे सीडैक से क्या क्या सहयोग मिल सकता है या क्या क्या सम्भावनाये है, पर महिलाओ को बताया |

कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडवी) वाराणसी के सीनियर मैनेजर अमित कुमार ने कहा कि साईं इंस्टिट्यूट द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रकार के कोर्सो के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाये तथा हमारी लुप्त हो रही पारंपरिक आर्ट एवं क्राफ्ट को संवर्धित, संरक्षित करते हुए स्वरोजगार को अपना रही है | जो कि सराहनीय है | हम अपने बैंक की तरफ से इन महिलाओ के द्वारा बनाये गए उत्पादों को एक बाज़ार देंगे जिससे इन महिलाओ का अपने कार्यो के प्रति उत्साह बना रहे |

कार्यशाला का संचालन करते हुए संस्थान के निदेशक अजय सिंह कहा कि यहाँ से अब तक एक हजार से ज्यादा महिलाओ को स्वावलंबी बनाया है | ये महिलाएं खुद का रोजगार कर हर महीने लगभग 10 से 15 हजार रुपए कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ ही राजस्व में वृद्धि कर रही हैं। कई महिलाओं के रोजगार में उनके पति भी साथ दे रहे हैं। फिलहाल संस्थान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है। संस्थान द्वारा हर माह 100 से 150 लोगों को हर माह नि:शुल्क स्वरोजगार प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में आर्यावर्त फाउंडेशन के अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला, साईं इंस्टिट्यूट की तरफ से दीक्षा सिंह , डिजाइनर व् फेकल्टी समरीन फातिमा, अबुल अर्शी, अनुपमा दुबे, राजेश कुमार, हुनर-ए-बनारस की तरफ से मनीषा सिंह एवं समूह की महिलाये उपस्थित रही |

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