योग अनुशासित एवं सुव्यवस्थित जीवन की आधारशिला है – फादर पी विक्टर

योग अनुशासित एवं सुव्यवस्थित जीवन की आधारशिला है – फादर पी विक्टर
सेंट जॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर की शनिवासरीय प्रार्थना सभा में कक्षा पाँच अ के विद्यार्थियों ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए योग को तन-मन के लिए आवश्यक बताया।बच्चों ने विभिन्न ज्यामितीय आकृतियों पर आधारित परियोजना प्रस्तुत करते हुए उसके गणितीय महत्त्व को समझाया।
कक्षाध्यापिका श्रीमती सीमा उपाध्याय ने साहस एवं हिम्मत पर आधारित कविता के माध्यम से जीवन में सफल होने के तरीके को प्रतिपादित किया।विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग अनुशासित एवं सुव्यवस्थित जीवन की आधारशिला है।
योग हमें साँसों एवं मन पर नियंत्रण करना सिखाता है।चित्त की वृत्तियों का नियंत्रण करने से जीवन अनुशासित एवं सुव्यवस्थित हो जाता है।
अनुशासनहीन एवं अव्यवस्थित जीवन में दुख ही दुख रहते हैं।अतः नियमित योगाभ्यास जरूरी है।